जम्मू-कश्मीर: पत्थरबाजी से नुकसान हुआ तो 5 साल तक की जेल

जम्मू-कश्मीर: पत्थरबाजी से नुकसान हुआ तो 5 साल तक की जेल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-27 13:40 GMT
जम्मू-कश्मीर: पत्थरबाजी से नुकसान हुआ तो 5 साल तक की जेल

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आए दिन होने वाले हिंसक प्रदर्शन और पत्थरबाजी में जान-माल की काफी हानि होती है। इस दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पत्थरबाजों और प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। अब से इन हिंसक प्रदर्शन और पत्थरबाजी के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई भी इन्हीं प्रदर्शनकारियों से की जाएगी।

 

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल एन. एन. वोहरा ने राज्य सरकार के उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत हड़ताल या प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से की जाएगी। इसके तहत प्रदर्शनकारियों पर जुर्माने के साथ-साथ उन्हें 5 साल की सजा भी हो सकती है। आधिकारिक बयान में कहा गया है, "यह व्यक्तियों/संगठनों के नुकसान पहुंचानेवाली उन गतिविधियों को रोकेगा/हतोत्साहित करेगा जिनसे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है।"

 

हड़तालों, प्रदर्शनों या प्रदर्शन के अन्य किसी रूप में सीधे कदम से सार्वजनिक के साथ—साथ निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दो से पांच साल की जेल की सजा हो सकती है और क्षतिग्रस्त या नष्ट की गई संपत्ति के बाजार मूल्य के बराबर जुमार्ना लगाया जा सकता है। प्रवक्ता ने बताया कि एक मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों को लागू करने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन किया गया है।

 

जम्मू ऐंड कश्मीर पब्लिक प्रॉपर्टी (प्रिवेंशन ऑफ डैमेज) (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस, 2017 के तहत सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान से जुड़े मौजूदा कानूनों में बदलाव किया गया है और यह अध्यादेश तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है। इससे पहले के कानूनों में निजी संपत्तियों के नुकसान की सूरत में कार्रवाई का प्रावधान नहीं था लेकिन अध्यादेश में इसे भी जगह दी गई है। पहले का कानून सिर्फ सरकारी संपत्ति या सरकारी संस्था के मालिकाना हक वाली संपत्ति को हुए नुकसान पर लागू होता था।

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