भारत को जल्द मिलेगा भगवान शिव के अस्त्र के नाम का रॉकेट, अब दुश्मनों के छूटेंगे पसीने

'शिव' से मिलेगी सेना को ताकत! भारत को जल्द मिलेगा भगवान शिव के अस्त्र के नाम का रॉकेट, अब दुश्मनों के छूटेंगे पसीने

Anupam Tiwari
Update: 2022-12-17 10:59 GMT
भारत को जल्द मिलेगा भगवान शिव के अस्त्र के नाम का रॉकेट, अब दुश्मनों के छूटेंगे पसीने
हाईलाइट
  • भारत की बढ़ेगी ताकत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशवासियों के लिए खुशखबरी है। भारत को आंख दिखाने की कोशिश करने वाले पड़ोसी देशों के लिए गले की फांस बनने वाला हथियार तैयार हो रहा है। भगवान शिव के हथियार के नाम पर एक रॉकेट सिस्टम बनाया जा रहा है। यह एक लंबी दूरी का गाइडेड रॉकेट सिस्टम है। इसका नाम महेश्वरास्त्र रखा गया है। बताया जाता है कि इस हथियार का जिक्र पौराणिक कथाओं में भी किया गया है और कहा गया है कि ऐसा हथियार भगवान शिव के पास भी था। जिसमें उनकी तीसरी आंख की ताकत थी। वह किसी को भी जलाकर राख करने की क्षमता रखता था। 

भारत की बढ़ेगी ताकत

भारत रक्षा के क्षेत्र को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटा है। इसी कड़ी में रॉकेट को बनाया जा रहा है। महेश्वरास्त्र को एक सोलर इंडस्ट्री कंपनी बना रही है। आजतक से बातचीत के दौरान कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि हमने भगवान शिव के अस्त्र के नाम लिया है। इसकी ताकत भी वैसे ही होगी, यह गाइडेड रॉकेट सिस्टम है। हम इसके दो वर्जन बना रहे हैं। पहला महेश्वरास्त्र-1 व दूसरा महेश्वरास्त्र-2 है। पहले वाले का रेंज 150 किमी जबकि दूसरे वाले का 290 किमी होगा। 

इतने दिन में होगा तैयार

अधिकारी के मुताबिक, यह रॉकेट डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के बनने में कुल मिलाकर 300 करोड़ रूपए की लागत आएगी। इसका डेवलपमेंट तेजी से हो रहा है। इसकी गति सबसे बड़ी मारक क्षमता है। उन्होंने आगे कहा कि यह आवाज की स्पीड से चार गुना ज्यादा तेजी से दुश्मन की ओर लपकेगी। इसकी रफ्तार 5680 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यानी एक सेकेंड में लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करेगा। महेश्वरास्त्र-1 को आप देसी हिमार्स कह सकते हैं, जबकि महेश्वरास्त्र-2 को ब्रह्मोस मिसाइल को टक्कर देगा।

अब इस रॉकेट के तैयार होने के बाद दुश्मन देश के छक्के छूटेंगे। गौरतलब है कि पिनाका गाइडेड रॉकेट सिस्टम व सरफेस टू सरफेस मिसाइल के बीच हथियार की कमी है। पिनाका की रेंज 75 किलोमीटर जबकि सरफेस टू सरफेस की मारक क्षमता 350 किलोमीटर रेंज की है। अब महेश्वारास्त्र गाइडेडे रॉकेट सिस्टम पूरा करेगा। अधिकारी ने बताया कि असल में यह गाइडेड मिसाइल ही हैं लेकिन हम इन्हें रॉकेट बुला रहे हैं। 

 

Tags:    

Similar News