'रुद्र' हेलीकॉप्टर के साथ सेना का युद्धाभ्यास, थर्राया थार का रेगिस्तान
'रुद्र' हेलीकॉप्टर के साथ सेना का युद्धाभ्यास, थर्राया थार का रेगिस्तान
डिजिटल डेस्क, थार। जैसलमेर-बाड़मेर के रेगिस्तानी इलाके में इन दिनों वायुसेना के जांबाज अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। युद्धाभ्यास में ये जांबाज अपने हथियारों से अचूक निशाने साधकर दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में जुटे हैं। इस युद्धाभ्यास के जरिए अत्याधुनिक उपकरणों की मारक क्षमता को परखने की कवायद की जा रही है। यह अभ्यास बीते 16 दिसंबर से शुरू हुआ है और 22 दिसंबर तक चलेगा।
रेगिस्तानी इलाके में चल रहे इस प्रशिक्षण में वायुसेना के विमानों से पैरा ड्रॉपिंग कर जवान जमीन पर उतरते हैं और जवानों के साथ दुश्मन पर टूट पड़ते हैं। थार का रेगिस्तान भारत के परक्रमी जवानों के शौर्य से थर्रा उठा है। बता दें कि भारतीय थल सेना और वायु सेना एक साथ मिलकर जैसलमेर और बाड़मेर के रेगिस्तान में युद्धाभ्यास कर रही हैं। करीब 20,000 सैनिकों और एयरफोर्स के जांबाज जवानों के साथ इस वॉर एक्सरसाइज को अंजाम दिया जा रहा है।
गुरुवार को भीष्म टी-90 टैंकों ने काल्पनिक दुश्मनों के ठिकानों पर जमकर गोले बरसाए। टी- 90 टैंकों की क्षमता ने दुश्मनों के सभी ठिकाने को नेस्तनाबूद कर दिया। बता दें कि इस युद्धाभ्यास से इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि बेहतर कोआर्डिनेशन और कम्युनिकेशन के संसाधनों का प्रयोग कर कैसे दुश्मनों के हमले का जवाब दिया जाए। इसके लिए सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के संसाधनों का प्रयोग किया जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की माने तो एक तरफ से पहली बार इतने सटीक तरीके से एयरफोर्स और आर्मी ने दुश्मनों के काल्पनिक ठिकानों को बर्बाद किया है। इस प्रैक्टिस से सेना की क्षमता में और बढ़ोतरी होगी। इस युद्धाभ्यास में देश में निर्मित हेलीकॉप्टर रुद्र ने भी आपना जलवा दिखाया। युद्धाभ्यास में रुद्र के शामिल होने से थल सेना की मारक क्षमता में बढ़ोत्तरी हो गई है। रुद्र हेलीकॉप्टर रणक्षेत्र में हमला करने वाला एक सशस्त्र हेलीकॉप्टर होता है। यह हवा से हवा में मार कर दुश्मन के किसी विमान तक को उड़ा सकता है। इसे एयर गनशिप भी कहा जाता है।
क्या हैं रुद्र की खासियतें...
देश में बनाया गया रुद्र हेलीकॉप्टर अपने आप में कई खूबियों को समेटे हुए है। यह एक बेहतरीन अटैकर हेलीकॉप्टर माना जाता एयर फोर्स के साथ ही यह आर्मी में भी शामिल किया जाएगा। वर्तमान में इसकी एकमात्र यूनिट जोधपुर एयर बेस पर तैनात है। रुद्र हेलीकॉप्टर में आगे और पीछे कैमरे लगे हुए हैं दो दिन या रात किसी समय सही तस्वीरें लेकर दुष्मन पर नजर रख सकते हैं। इसकी खासियत हैं कि यह पायलट के हेलमेट के साथ गन का मूवमेंट करता है। यानि कि पायलट जिस दिशा में अपनी गर्दन घुमाएगा गन की निशाना भी उस तरफ घूम जाएगा। ऐसे में पायलट सिर्फ दुश्मन के लक्ष्य को देख कर फायर कर देता है और निशाना बिल्कुल सटीक लगता है।
एक साथ 8 टारगेट पर कर सकता है अटैक
रुद्र हेलीकॉप्टर में 20 एमएम की टारगेट गन, और हवा से हवा मार करने वाली मिसाइलें लगी हैं। इसमें आठ एंटी टैंक मिसाइल हेलिना अलग से लगी है। ये हेलीकॉप्टर एक साथ आठ लक्ष्यों पर एक साथ प्रहार कर सकता है। इसमें किसी भी मिसाइल हमले का बचाव करने का बेहतरीन सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया गया है। रुद्र में एक साथ दो पायलट बैठ सकते है। एक बार में यह 14 लोगों को ले जा सकता है। 290 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से यह उड़ान भर सकता है। साथ ही 5 टन वजन भार भी एक साथ ले जाने में सक्षम है। बता दें कि सेना ने ऐसे आठ और एयर फोर्स ने सोलह रुद्र का ऑर्डर दिया है। अगले साल तक संभावा है कि अमेरिका का ताकतवर हैलीकॉप्टर अपाचे भी मिल जाएगा। जिसे उड़ाने का अवसर रुद्र उड़ाने वाले पायलट्स को ही मिलेगा।