Indian Navy : नौसेना ने तैयार किया तीन महिला पायलटों का पहला बैच, डॉर्नियर विमान उड़ाने की जिम्मेदारी मिली

Indian Navy : नौसेना ने तैयार किया तीन महिला पायलटों का पहला बैच, डॉर्नियर विमान उड़ाने की जिम्मेदारी मिली

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-22 19:43 GMT
Indian Navy : नौसेना ने तैयार किया तीन महिला पायलटों का पहला बैच, डॉर्नियर विमान उड़ाने की जिम्मेदारी मिली
हाईलाइट
  • ऑपरेशनल ड्यूटी से पहले पायलट्स को एक महीने की ग्राउंड और आठ महीने की फ्लाइंग ट्रेनिंग दी गई
  • तीनों महिला पायलट्स 27वां डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग कोर्स पास करने वाले बैच का हिस्सा हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने अपने इतिहास की किताब में एक और पन्ना जोड़ते हुए पहली बार तीन महिला पायलटों का एक बैच तैयार किया है। एक रक्षा प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि ये पायलट डॉर्नियर एयरक्राफ्ट उड़ाएंगी और समुद्री टोही अभियानों को अंजाम देंगी। इनकी पोस्टिंग सदर्न नेवल कमांड के तहत कोच्चि में की गई है। इस बैच में लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा (दिल्ली), लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप (उत्तर प्रदेश) और लेफ्टिनेंट शिवांगी (बिहार) शामिल हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि तीनों महिला पायलट 27वें डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग (DOFT) कोर्स में भाग लेने वाले छह पायलटों में शामिल थीं। इन्होंने गुरुवार को आईएनएस गरुड़ पर आयोजित पासिंग आउट कार्यक्रम में पूरी तरह से परिचालन वाले समुद्री टोही पायलट (एमआर पायलट) के तौर पर स्नातक डिग्री प्राप्त की। नेवी की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि कोच्चि में INS गरुड़ से 22 अक्टूबर को छह पायलट्स ने 27वां डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग कोर्स (DOFT) पास किया है। तीनों महिला पायलट्स उसी बैच का हिस्सा हैं। सभी ऑपरेशनल ड्यूटी (MR) के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

ऑपरेशनल ड्यूटी से पहले कड़ी ट्रेनिंग
सभी पायलट्स को DOFT में भेजे जाने से पहले वायुसेना और नौसेना में बारी-बारी से बेसिक फ्लाइंग ट्रेनिंग दी गई। कोर्स में एक महीने की ग्राउंड ट्रेनिंग, आठ महीने की फ्लाइंग ट्रेनिंग शामिल थी। सभी पायलट्स को फ्लाइंग ट्रेनिंग के लिए डॉर्नियर स्क्वाड्रन में भेजा गया था।

लेफ्टिनेंट शिवांगी सबसे पहले पायलट बनीं
ऑपरेशनल ड्यूटी के लिए क्वालीफाई करने वाली तीनों महिला पायलट्स में से लेफ्टिनेंट शिवांगी ने सबसे पहले 2 दिसंबर, 2019 को नेवल पायलट की योग्यता हासिल की थी। इसके 15 दिन बाद, लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा और लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप भी पायलट बन गई थीं।

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