'इंटरनेशनल आर्मी गेम्स टैंक बैथलॉन' प्रतियोगिता से बाहर हुआ भारत का टी-90एस

'इंटरनेशनल आर्मी गेम्स टैंक बैथलॉन' प्रतियोगिता से बाहर हुआ भारत का टी-90एस

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-13 04:33 GMT
'इंटरनेशनल आर्मी गेम्स टैंक बैथलॉन' प्रतियोगिता से बाहर हुआ भारत का टी-90एस

डिजिटल डेस्क,मॉस्को। भारत की उम्मीदों को उस वक्त झटका लगा जब तकनीकी खामी की वजह से रूस के अलाबीनो रेंज में चल रहे इंटरनैशनल आर्मी गेम्स टैंक बैथलॉन 2017 से भारत को बाहर होना पड़ा। भारत इस प्रतियोगिता में टी-90एस टैंक के साथ उतरा था। लेकिन इन दोनों ही टैंकों में आई  तकनीकी खराबी के कारण निराशा का मुंह देखना पडा। वहीं रूस, चीन, बेलारूस और कजाखस्तान के टैंक फाइनल में पहुंच गए हैं। युद्ध टैंक की ये इंटरनेशनल प्रतियोगिता 29 जुलाई को शुरू हुई थी। जिसमें रूस,चीन सहित 19 देशों ने भाग लिया है।

2001 से 8525 करोड़ रुपये में 657 टी-90एस "भीष्म" टैंकों को रूस से खरीदा गया था। इसके बाद इन टैंकों को भारत में ही बनाया जा रहा है।  रूस में बने टी-90एस टैंकों को काफी मजबूत और सक्षम माना जाता है लेकिन इन टैंकों में मशीनी खराबी आ गई। 

मेन और रिजर्व टी-90एस टैंकों को भारत से रूस में आयोजित हो रही इंटरनैशनल आर्मी गेम्स के टैंक बैथलॉन के लिए भेजा गया था। ये टैंक इंजन में प्रॉब्लम आने से प्रतियोगिता से बाहर हो गए। इन टैंकों से शुरुआती राउंड में शानदार प्रदर्शन किया था। 

एक अधिकारी ने कहा, "पहले टैंक की फैन बेल्ट टूट गई। इसके बाद रिजर्व टैंक को रेस में भेजा गया लेकिन सिर्फ दो किलोमीटर की दौड़ के बाद ही इसका पूरा इंजन ऑइल लीक हो गया। यह टैंक रेस पूरी ही नहीं कर पाया। बदकिस्मती से भारतीय टीम डिस्क्वॉलिफाई हो गई।" 

चीन इस प्रतियोगिता में टाइप-96बी टैंकों से साथ उतरा है। इस टैंक में दौड़ते समय भी दुश्मन के टैंक पर मशीन गनों से फायर करने और अन्य कई खूबियां हैं। वहीं रूस और कजाखस्तान टी-72बी3 टैंकों के साथ इस प्रतियोगिता में उतरे। वहीं बेलारूस के पास टी-72 टैंकों का आधुनिक रूप है। ये चारों देश अब फाइनल में आपस में भिड़ेंगे। 

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