CAA विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा की जांच तेज, शाहीन बाग में खर्च के लिए कौन दे रहा पैसा, पुलिस कर रही जांच

CAA विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा की जांच तेज, शाहीन बाग में खर्च के लिए कौन दे रहा पैसा, पुलिस कर रही जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-30 15:20 GMT
CAA विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा की जांच तेज, शाहीन बाग में खर्च के लिए कौन दे रहा पैसा, पुलिस कर रही जांच
हाईलाइट
  • CAA के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की जांच रफ्तार पकड़ती जा रही है
  • एसआईटी ने इस बाबत आम-आदमी से भी सहयोग की अपील की है
  • खुफिया एजेंसियों को लग रहा है कि यह सब एक प्लान के तहत हो रहा है

नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की जांच रफ्तार पकड़ती जा रही है। हिंसा और पथराव की जांच के लिए गठित दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी ने इस बाबत आम-आदमी से भी सहयोग की अपील की है।

एसआईटी प्रमुख डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश देव ने लोगों से अपील की है कि उनके पास पथराव से संबंधित जो भी जानकारी या सबूत हों, वे एसआईटी को सौंप दें, ताकि जांच को अंजाम तक पहुंचाया जा सके। डीसीपी राजेश देव के मुताबिक, बीते दिसंबर महीने में दिल्ली में जहां कहीं भी हिंसा-पथराव की घटनाएं हुई हों, एसआईटी विशेष कर उनकी जांच के लिए ही बनाई गई है। इसके लिए जन-सहयोग बेहद जरूरी है। इसीलिए एसआईटी ने जनता के पास मौजूद हिंसा की घटनाओं से संबंधित सबूत मांगे हैं। सबूत के तौर पर वीडियो क्लिप्स (फुटेज) और तस्वीरें एसआईटी को आरोपियों तक पहुंचाने में बेहद मददगार साबित हो सकती हैं।

डीसीपी ने आगे कहा, जो भी सबूत किसी के पास मौजूद हों, वो इन्हें दिल्ली के पुरानी कोतवाली थाना परिसर में बने एसआईटी मुख्यालय में जमा करवा सकता है। अगर कोई इन दंगों में मदद के लिए गवाही देना चाहे तो इसी कार्यालय में पहुंचकर अपना बयान भी दर्ज कराने के लिए वो स्वतंत्र है।

शाहीन बाग खर्च की जांच
शाहीन बाग में खाना, टेंट, का पैसा कहां से आ रहा है, इसे कौन दे रहा है खुफिया एजेंसी इसके लिए भी जांच कर रही हैं। खुफिया एजेंसियों को लग रहा है कि यह सब एक प्लान के तहत हो रहा है। इसके लिए एजेंसियां दिल्ली के हर उस जगह से इनपुट जुटा रही हैं जहां विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। एजेंसियां या भी पता लगा रही हैं कि प्रदर्शन में शामिल जो पैसे देकर तो नहीं बुलाये जा रहे, क्या उन्हें रोज के हिसाब से पेमेंट तो नहीं मिल रहा।

(आईएएनएस से इनपुट सहित)

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