स्पेस में ISRO का एक और बड़ा कदम, PSLV-C42 के साथ भेजे ब्रिटेन के दो सैटेलाइट

स्पेस में ISRO का एक और बड़ा कदम, PSLV-C42 के साथ भेजे ब्रिटेन के दो सैटेलाइट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-16 18:50 GMT
हाईलाइट
  • ISRO ने यह कारनामा आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया है।
  • ISRO ने रविवार को अपने सैटेलाइट कैरियर पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीइकल (PSLV) C42 के साथ ब्रिटेन के भी दो सैटेलाइट भेजे हैं।
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ISRO के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।

डिजिटल डेस्क, श्रीहरिकोटा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने एक बड़ी सफलता पाते हुए वर्ल्ड में अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है। ISRO ने रविवार को अपने सैटेलाइट कैरियर पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीइकल (PSLV) C42 के साथ ब्रिटेन के भी दो सैटेलाइट भेजे हैं। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV C42 ने रविवार रात उड़ान भरी। इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ISRO के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। बता दें कि यह PSLV की 44वीं उड़ान थी।

ISRO द्वारा भेजे गए ब्रिटेन के दोनों सैटेलाइट पृथ्वी की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इनके नाम NovaSAR और S1-4 हैं। ब्रिटेन की सर्रे सैटेलाइट टेक्नॉलोजी लिमिटेड के इन सैटेलाइट्स का कुल वजन 889 किलोग्राम है। NovaSAR एक एस-बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार सैटेलाइट है, जो फॉरेस्ट मैपिंग, बाढ़ और आपदा मॉनिटरिंग का काम करेगा। S1-4 एक हाई रेजॉलूशन ऑप्टिकल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है, जो स्रोतों के सर्वे, पर्यावरण मॉनिटरिंग, अर्बन मॉनिटरिंग और डिजास्टर मॉनिटरिंग का काम करेगा।

 

 

भारतीय PSLV-C42 की ये पहली ऐसी उड़ान रही, जो पूरी तरह से व्यवसायिक रूप से भेजी गई। पिछले पांच महीने के बाद ISRO ने यह पहला सैटेलाइट लॉन्च किया है। इसके साथ ही भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। भारत वैश्विक स्पेस इंडस्ट्री में 300 बिलियन डॉलर से अधिक की हिस्सेदारी के साथ अग्रणी देश बन गया है। पिछले तीन सालों में ISRO ने कुल 5600 करोड़ रुपये की कमाई की है। पिछले कुछ समय से ISRO विश्व में सबसे कम खर्च में सैटेलाइट भेजने का काम भी कर रहा है।

 

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