चीन सीमा पर तुरंत एक्शन के लिए ऐसे बढ़ाई जाएगी ITBP की ताकत

चीन सीमा पर तुरंत एक्शन के लिए ऐसे बढ़ाई जाएगी ITBP की ताकत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-15 18:03 GMT
चीन सीमा पर तुरंत एक्शन के लिए ऐसे बढ़ाई जाएगी ITBP की ताकत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार चीन सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली इंडो तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को तेज गति से चलने वाले वाहनों और मशीनों से लैस करेगी। ताकि, आईटीबीपी जवान डोकलाम या सीमा उल्लंघन जैसी किसी स्थिति में तेजी से मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाल सके। चीनी गतिविधियों की जवाबी तैयारी के क्रम में भारत ने 50 साल में पहली बार आईटीबीपी के आधुनिकीकरण की पहल की है। इसके बाद आईटीबीपी जवान ऊंचाई वाले इस इलाके में तेजी से कार्रवाई करने में सक्षम हो जाएंगे।

सेना की तर्ज पर विकसित होंगे कंबैट विंग 
केंद्रीय गृहमंत्रालयने निर्णय लिया है कि सेना की तर्ज पर अर्धसैनिक बलों में भी कंबैट विंग विकसित किए जाएंगे। गृहमंत्रालय ने भारत-चीन की 3488 किलोमीटर सीमा पर स्थापित पोस्टों पर तैनात जवानों के तीव्र आवागमन के लिए स्नो स्कूटर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। भारत-चीन सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी आईटीबीपी संभालती है। सीमा पर किसी भी गतिविधि की स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती मौके पर पहुंचने की होती है, जो इस ऊंचाई वाले दुर्गम इलाके में आसान काम नहीं है। हाल ही में डोकलाम गतिरोध और एक दो स्थानों पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ की घटनाओं को देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों के तीव्र संचालन के लिए इन्हें जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने की जरूरत महसूस की जा रही है। 

इस लिए जरूरी है आधुनिकीकरण
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया सेना के मैकेनाइज्ड कॉलम में 250 से अधिक स्पोर्ट्स युटिलिटी वीइकल (एसयूवी), एटीवी, स्नो स्कूटर, एक्सावेटर्स और कुछ महत्वपूर्ण मशीनें शामिल होनी हैं। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी में एक मैकेनाइज्ड कॉलम होना जरूरी है क्योंकि यही फोर्स संघर्ष की स्थिति में सबसे पहले हमले का सामना करती है। फिलहाल भारत-पाक सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सीमित मात्रा में उच्च स्तरीय मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। गृहमंत्रालय के अधिकारी ने बताया इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के लिए एक फुल मैकेनाइज्ड कॉलम बढ़ाने का प्रस्ताव कुछ समय पहले ही फोर्स के हेडक्वॉर्टर से आया था। इसे लेकर डायरेक्टर जनरल (डीजी) आरके पचनंदा ने अपनी प्रजेंटेशन भी दी थी। इस फैसले के बाद से अब तक आईटीबीपी को हाई ऐल्टिट्यूड वाले इलाके के लिए 150 एसयूवी में से करीब 60 गाड़ियां, 6 स्नो स्कूटर और बर्फ और भूस्खलन की स्थिति में रास्तों को साफ करने के लिए कुछ एक्सकेवेटर्स उपलब्ध करा दिए गए हैं। अगले दिनों में कुछ और उपकरण आईटीबीपी को उपलब्ध करा दिए जाएंगे। 

हर चौकी पर होगा एक स्नो स्कूटर
आईटीबीपी की भारत-चीन सीमा पर समुद्र तट से 15000 फुट की ऊंचाई पर 30 और 12000 फीट की ऊंचाई पर 50 सुरक्षा चौकियां हैं। गृहमंत्रालय ने प्रत्येक चौकी पर कम से कम एक स्नो स्कूटर उपलब्ध कराने पर सहमति दी है। 81 एमएम मोर्टार जैसे सपोर्ट वीपान्स के आधुनिकीकरण के माध्यम से सीमा की रखवाली करने वाले इस बल की फायर पावर बढ़ाए जाने की भी योजना है। डोकलाम जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति और किसी संभावित घुसपैठ के मद्देनजर चीन सीमा पर सड़क निर्माण जैसी ढ़ांचागत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ केंद्र सरकार ने सेना और आईटीबीपी के आधुनिकीकरण का निर्णय लिया है। 

3488 किमी है भारत-चीन सीमा
भारत की 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा पांच राज्यों से गुजरते हुए चीन की सीमा से लगती है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में (1,597 किलोमीटर), हिमाचल प्रदेश (200 किलोमीटर) उत्तराखंड (345 किलोमीटर), सिक्कम (220 किलोमीटर), और अरुणाचल प्रदेश (1,126 किलोमीटर) शामिल है। सीमा पर अर्द्ध सैनिक बलों की क्षमता विकसित करने से सीमा पर किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में उस पर तत्काल काबू पाया जा सकेगा। चीन पहले भी भारतीय सीमा के भीतर अतिक्रमण करता रहा है। वह अरुणाचल प्रदेश को अपना साउथ तिब्बत बताता रहा है। जबकि, भारत का दावा है कि अक्साई चीन भारत का हिस्सा है, जिस पर चीन ने सन 1962 की जंग में कब्जा कर लिया था।
 

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