लश्कर के 8 आतंकियों को आजीवन कारावास, जेल से फैला रहे थे नेटवर्क

लश्कर के 8 आतंकियों को आजीवन कारावास, जेल से फैला रहे थे नेटवर्क

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-07 03:40 GMT
लश्कर के 8 आतंकियों को आजीवन कारावास, जेल से फैला रहे थे नेटवर्क

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान के जयपुर में कोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा के आठ आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि ये आतंकी देश में बड़े स्तर पर अस्थिरता फैलाना चाहते थे। एडीजे पवन गर्ग ने इन आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 2-2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि राजस्थान के विभिन्न जेलों में बंद इन आतंकियों का संबंध सीधे पाकिस्तान से थे। बताया जाता है कि फोन पर इनकी अपने सरगनाओं से बातचीत भी होती थी। यह पूरा फैसला करीब 111 पन्नों का है।

 

फोन के जरिए फैला रहे थे नेटवर्क

 

इन आतंकियों के नाम काबिल खां, असगर अली, शकर उल्लाह, मो. इकबाली, शफरुल्ला, हाफिज अब्दुल मजीद, निशाचंद अली, पवनपुरी और अरुण जैन हैं। जयपुर कोर्ट ने आईपीसी की धारा 13, 18, 18B और 20 के तहत सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट का मानना है कि जेल में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी फोन के जरिए अपने नेटवर्क को फैलाने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में देश में किसी भी बड़ी घटना होने की आशंका थी। बता दें कि असगर अली को बीकानेर और जोधपुर जेल में कैद किया गया था। शाकक उला पंजाब की नाभा जेल में बंद था और मोहम्मद इकबाल पंजाब में अमृतसर जेल में बंद था।

 

पुलिस के अनुसार, असगर अली ने ही बाबू उर्फ निशाचंद एवं पवन पुरी से बीकानेर जेल में दोस्ती कर उन्हें संगठन का मेंबर बनाया था। इसके बाद असगर अली ने पटियाला जेल में बंद काबिल खां को भी अपने साथ शामिल किया। बता दें कि बीकानेर निवासी बाबू पाकिस्तान से रकम मंगाने का काम भी करते थे। एटीएस ने संदिग्ध फोन कॉल भी इंटसेप्ट किए थे। जिनमें देश विरोधी बातें कोड के रूप सुनाई दी थी। इस पर फोन नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई गई।

 

राजस्थान पुलिस ने किया था स्लीपर सेल होने का खुलासा

जानकारी के अनुसार, 2010 में इन आतंकियों को देश के खिलाफ साजिश रचने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इनमें से तीन पाकिस्तानी है और बाकी भारतीय नागरिक हैं। राजस्थान पुलिस ने इनकी पड़ताल की तो पता चला कि सभी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ पुख्ता सबत जुटाने के बाद इनके स्लीपर सेल होने का खुलासा किया था। सात साल से इस केस पर सुनवाई चल रही थी।  बता दें कि देश में आतंक बरपाने का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड हाफिज सईद है और लश्कर ए तैयबा उसका ही आतंकी संगठन है। कश्मीर से लेकर मुंबई तक हुए ज्यादातर हमलों के पीछे उसका ही हाथ है। 
 

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