Farmers Protest: ग्रेटा थनबर्ग की शेयर की टूलकिट पर बोले विदेश मंत्री- दस्तावेज़ में बहुत कुछ उजागर हुआ है

Farmers Protest: ग्रेटा थनबर्ग की शेयर की टूलकिट पर बोले विदेश मंत्री- दस्तावेज़ में बहुत कुछ उजागर हुआ है

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-06 15:37 GMT
Farmers Protest: ग्रेटा थनबर्ग की शेयर की टूलकिट पर बोले विदेश मंत्री- दस्तावेज़ में बहुत कुछ उजागर हुआ है
हाईलाइट
  • ग्रेटा थनबर्ग की शेयर की टूलकिट पर विदेश मंत्री जयशंकर का बयान
  • जयशंकर ने कहा
  • दस्तावेज़ में बहुत कुछ उजागर हुआ है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की शेयर की गई टूलकिट का खालिस्तानी लिंक सामने आने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है। जयशंकर ने कहा, दस्तावेज़ में बहुत कुछ उजागर हुआ है। इंटरनेशनल सेलिब्रिटी के किसान आंदोलन को लेकर दिए स्टेटमेंट पर विदेश मंत्रालय ने क्यों रिएक्ट किया ये इन दस्तावेज़ों से स्पष्ट होता है।

विदेश मंत्री ने कहा कि टूलकिट से काफी कुछ सामने आ गया है और आगे भी बहुत कुछ पुलिस की जांच में सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस मामले ने बहुत सी बातों का खुलासा कर दिया है। हमें बस थोड़ा इंतजार करना होगा और देखना होगा कि और क्या कुछ सामने आता है। आप देख सकते हैं कि कई शख्सियतों के बयानों पर विदेश मंत्रालय ने कैसे प्रतिक्रिया दी, इसकी वजह यह थी कि वे लोग जानते ही नहीं वे किस बारे में बोल रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए गए टूलकिट के लेखक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। देशद्रोह, आपराधिक साजिश और घृणा को बढ़ावा देने के आरोपों में ये एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि ट्रैक्टर की रैली के दौरान 26 जनवरी की हिंसा सहित किसान विरोध में घटनाओं का क्रम टूलकिट में साझा की गई कथित कार्ययोजना की कॉपी कैट थी। स्पेशल सीपी (अपराध शाखा) प्रवीर रंजन ने कहा कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि टूलकिट "खालिस्तानी संगठन" पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा बनाई गई थी।

ग्रेटा ने पहले जिस टूलकिट को शेयर किया था उसमें लोगों को भारतीय दूतावासों, स्थानीय सरकारी कार्यालयों या विभिन्न बहुराष्ट्रीय अडानी और अंबानी कंपनियों के कार्यालयों में या उसके पास एकजुटता विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी ने ‘दुनिया की जनता, भूमि और संस्कृति को शोषित करने के लिए मोदी शासन के साथ हाथ से हाथ मिलाकर पैसा कमाया है’। 

हालांकि बाद में इस टूलकिट को डिलीट कर दिया गया और नई टूलकिट अपलोड की गई। नए टूल किट में कंपनियों का उल्लेख नहीं है। टूलकिट में, 26 जनवरी से पहले की गतिविधियों के लिए दी गई सभी तारीखें और निर्देश भी हटा दिए गए हैं। वहीं दिल्ली पुलिस की एफाआईआर के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट कर कहा था, मैं किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ हूं। कोई भी नफरत, धमकी इसे बदल नहीं सकती।

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