दलित की मौत पर अहमदाबाद में भड़की हिंसा, विरोध कर रहे जिग्नेश सहित 40 हिरासत में

दलित की मौत पर अहमदाबाद में भड़की हिंसा, विरोध कर रहे जिग्नेश सहित 40 हिरासत में

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-18 12:35 GMT
दलित की मौत पर अहमदाबाद में भड़की हिंसा, विरोध कर रहे जिग्नेश सहित 40 हिरासत में

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। दलित सामाजिक कार्यकर्ता की मौत को लेकर अहमदाबाद में हिंसा भड़क गई है। इस मौत के विरोध में गुजरात के वडगाम से विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी के ऐलान पर रविवार को अहमदाबाद बंद रहा। जिग्नेश के आह्वान पर सारंगपुर में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास दलित एकत्र हुए। इस प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पुलिस ने जिग्नेश मोवानी को हिरासत में लिया। जिग्नेश को हिरासत में लिए जाने के बाद समर्थक हिंसक हो गए।

 



अंबेडकर की प्रतिमा के पास जमा होने का आहवान
गुरुवार को पाटन में डीएम ऑफिस के सामने दलित कार्यकर्ता भानु वानकर ने खुदकुशी कर ली थी। शुक्रवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। वानकर की मौत के बाद से ही गुजरात के दलित समुदाय में गुस्सा भरा हुआ है। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने आज पाटन में भानुभाई वणकर की मौत मामले में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था, जिसके लिए उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को सारंगपुर में स्थित बाबा अंबेडकर की प्रतिमा के पास आने के लिए कहा था। जिसके बाद उनके कार्यकर्ताओं ने अंबेडकर मूर्ति के सामने लोगों को एकत्र करने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने मेवाणी सहित करीब 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।

 



आक्रोशित लोगों ने फूंकी कार
जिग्नेश मेवाणी और उनके साथियों की गिरफ्तारी के बाद लोग आक्रोशित हो गए और देखते ही देखते अहमदाबाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया। लोगों ने कारों को आग लगा दी। हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। जिग्नेश और उनके साथियों ने इन सब के लिए प्रसासन को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने जानबूझकर उनपर सख्ती दिखाई।

 



ट्वीटर पर जानकारी
जिग्नेश मेवानी के ट्विटर अकाउंट से उनकी टीम ने ट्वीट कर कहा, मेवाणी और उनके साथियों को कार से निकाल के, कार की चाभी तोड़ के गलत तरीके से पुलिस ने हिरासत में लिया।" प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया।

 



राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच ने दी थी चेतावनी
बता दें कि शुक्रवार को राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच (आरडीएएम) की ओर से प्रेस रिलीज जारी करते हुए सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था। संगठन ने चेतावनी देते हुए सरकार से कहा था कि वानकर की हत्या में जिस किसी का भी हाथ है उसकी पहचान शनिवार तक हो जानी चाहिए। जब सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तब रविवार को दलित समुदाय ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। 

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