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Update: 2019-04-07 11:36 GMT
हाईलाइट
  • 31 मई तक सरकार ने लगाई बारामूला से उधमपुर तक के राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम जनता के आवागमन पर रोक।
  • फारूक अब्दुल्ला ने इसे नागरिक अधिकारों का हनन करार दिया है। वहीं महबूबा ने लोगों से फैसले को ना मानने की अपील की है।
  • सरकार के इस फैसले का पार्टियां विरोध कर रहीं हैं।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। बारामूला से उधमपुर तक के राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षाबलों के काफिले के लिए लागू हुए ट्रैफिक बेन के कारण सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है। आज रविवार को राज्य की कई बड़ी सियासी हस्तियों ने इसके विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की धमकी दी। वहीं फारुख अब्दुल्ला ने इसे कश्मीरियों की लाइफलाईन बताया है। बता दें कि सरकार ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला से जम्मू क्षेत्र के उधमपुर में रविवार और बुधवार को 31 मई तक नागरिक यातायात पर रोक लगाई है। यह रोक सरकार ने जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर लगाई है। 

पार्टियां कर रहीं विरोध
पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार जवानों की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही बरतना नहीं चाहती है। सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि  जम्मू-श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग सप्ताह में दो दिन आम लोगों के लिए बंद रहेगा। ट्रेफिक बेन के इस फैसले के प्रति नाराजगी सियासी दलों में भी देखने को मिली। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि मैं लोगों से अपील करती हूं कि सरकार के फैसले को ना मानें, सरकार के इस फैसले से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही महबूबा ने फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की धमकी भी दी।

फारूक अब्दुल्ला ने इसे नागरिक अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि इससे लोगों के मौलिक अधिकारों पर चोट लगेगी। सरकार को सलाह देते हुए फारूख ने कहा कि सेना का काफिला रात में ट्रेन से यात्रा कर सकता है और इससे किसी को दिक्कत भी नहीं होगी। सरकार को अपना आदेश वापस लेना होगा।

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