देश के पहले लोकपाल होंगे जस्टिस पीसी घोष, राष्ट्रपति के पास भेजा नाम

देश के पहले लोकपाल होंगे जस्टिस पीसी घोष, राष्ट्रपति के पास भेजा नाम

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-17 12:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष जल्द ही देश के पहले लोकपाल बन सकते हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और कानूनविद मुकुल रोहतगी की कमेटी ने उनका नाम तय कर सिफारिश की है, इसकी आधिकारिक घोषणा सोमवार को की जा सकती है।

कांग्रेस सदस्य और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी लोकपाल चयनित करने वाली समिति के सदस्य हैं, हालांकि वो चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। जानकारी के मुताबिक सरकार ने राष्ट्रपति के पास जस्टिस घोष की नियुक्ति से जुड़ी फाइल भेज दी है। बता दें कि लोकपाल भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था है, जिसमें एक चेयरमैन, एक न्यायिक सदस्य और गैर न्यायिक सदस्य होते हैं।

बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल होने की सरकार की पेशकश को लगातार सातवीं बार खारिज करते हुए कहा था कि ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के लोकपाल चयन समिति का हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है.

दरअसल, शुक्रवार को लोकपाल चयन समिति की बैठक हुई थी, प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में खड़गे ने कहा था कि लोकपाल के अधिनियम-2013 की धारा 4 में  "विशेष आमंत्रित सदस्य" के लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है। जस्टिस घोष 2017 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे, इस वक्त वे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं। घोष तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की सहयोगी रहीं शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दे चुके हैं।

 

 

 

 

 

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