सरकार बनने से पहले सिंधिया ने उतारी सूत की माला, फूल की माला की स्वीकार

सरकार बनने से पहले सिंधिया ने उतारी सूत की माला, फूल की माला की स्वीकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-12 09:49 GMT
हाईलाइट
  • एक साल पहले 6 जून 2017 को मप्र के मंदसौर में किसान आंदोलन हुआ था
  • आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से 6 किसानों की मौत हो गई थी
  • सिंधिया ने भाजपा की हार के बाद ही फूल की माला पहनने का दिया था वचन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना वचन पूरा किया है। किसान आंदोलन के एक साल बाद कांग्रेस की सरकार बनने के पहले उन्होंने सूत की माला उतारकर फूल की माला स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा, "मैंने कहा था कि जब तक हम भाजपा को मप्र से उखाड़ नहीं फेकेंगे, तब तक में सूत की माला पहनूंगा और अब जब कांग्रेस की सरकार बनने वाली है तो मैं फूल की माला स्वीकार करता हूं।


बता दें कि एक साल पहले 6 जून 2017 को मप्र के मंदसौर में किसान आंदोलन हुआ था। आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से 6 किसानों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि मंदसौर की घटना के बाद से मैं सूत की माला पहन रहा हूं। जब तक मध्य प्रदेश से भाजपा को हम उखाड़ नहीं फेंकेंगे, मैं कभी फूलों की माला नहीं पहनूंगा। मैं भिंडी, मिर्च और प्याज की भी मालाएं स्वीकार करुंगा। 


सिंधिया ने कहा कि जनता ने जो जनादेश दिया है, हम उसे स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि माफ करिए शिवराज जी, अब आया है जनात का राज। जब उनसे पूछा गया कि मप्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा तो इस सवाल को वो टाल गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस पर फैसला लेंगे। जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी अब भी बहुमत से दूर है तो उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और निर्दलीय सब उनके साथ हैं। सिंधिया ने शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि वो तो भाजपा को 200 पार पहुंचा रहे थे।

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