मप्र में किसान की मौत को लेकर कमल नाथ ने शिवराज पर हमला बोला

मप्र में किसान की मौत को लेकर कमल नाथ ने शिवराज पर हमला बोला

IANS News
Update: 2020-05-26 17:00 GMT
मप्र में किसान की मौत को लेकर कमल नाथ ने शिवराज पर हमला बोला

भोपाल, 26 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले में सोमवार को मंडी में अपनी उपज बेचने गए किसान की मौत हो गई। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान हमला बोला है।

आगर-मालवा जिले के मलवासा निवासी 45 वर्षीय किसान प्रेम सिंह 19 मई को तनोडिया के प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्था के केंद्र पर गेहूं लेकर पहुंच गया, लेकिन वहां तौल प्रक्रिया में हो रहे विलंब और अन्य कारणों से उसकी बारी 25 मई को आई। किसान प्रेम सिंह गेहूं की तुलवाई करा रहा था उसी दौरान सोमवार की शाम उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई।

इस किसान की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला। कमल नाथ ने कहा, शिवराज जी, आप समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के भले बड़े-बड़े दावे करें, खूब आंकड़े जारी करें, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है। आज किसान भाइयों को अपनी उपज बेचने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने आगे कहा, उपार्जन केंद्रों पर कहीं बारदाना की कमी है, कहीं तुलाई की व्यवस्था नहीं है, कहीं परिवहन नहीं होने से काम बंद पड़ा है, किसानों को एसएमएस भेजकर बुलाया लिया जाता है। चार-चार दिन भीषण गर्मी में किसान अपनी उपज बेचने के लिए भूखा-प्यासा कई किलोमीटर लंबी कतार में लगा हुआ है, उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।

कमल नाथ ने किसान प्रेम सिंह की मौत का जिक्र करते हुए कहा, आगर-मालवा में मलवासा के एक किसान प्रेम सिंह की इसी परेशानियों व अव्यवस्थाओं से दुखद मौत हो गई। इस किसान को 19 मई को उसकी उपज को लेकर झलारा उपार्जन केंद्र पर बुलाया गया था। चार दिन इंतजार के बाद उसके उपार्जन केंद्र को परिवर्तित कर उसे तनोड़िया बुलाया गया। 25 मई को छह दिन बाद जब उसका नंबर आया, तब अपनी फसल बेचने को लेकर भीषण गर्मी में निरंतर भटक रहे, तनाव झेल रहे किसान प्रेम सिंह की दुखद मृत्यु हो गई। खरीदी की अव्यवस्थाओं से हुए तनाव से इस किसान की जान चली गई। इसकी जिम्मेदार सरकार व उसकी नीतियां हैं।

कमल नाथ ने आगे आरोप लगाया कि ऐसे ही कई किसान लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं, अपनी उपज बेचने के लिए निरंतर भटक रहे हैं, तनाव झेल रहे हैं। सरकार सिर्फ झूठे दावे में लगी हुई है, जमीनी धरातल पर स्थिति विपरीत है। सरकार इस मृत किसान के परिवार की हर संभव मदद करे व इस किसान की मौत के जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।

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