कर्नाटक के गृहमंत्री का बयान, टेरर स्लीपर सेल बेंगलुरु और मैसूरु में सक्रिय

कर्नाटक के गृहमंत्री का बयान, टेरर स्लीपर सेल बेंगलुरु और मैसूरु में सक्रिय

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-18 12:06 GMT
कर्नाटक के गृहमंत्री का बयान, टेरर स्लीपर सेल बेंगलुरु और मैसूरु में सक्रिय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ टेररिस्ट स्लीपर सेल बेंगलुरु और मैसूरु में सक्रिय है। इन स्लीपर सेल्स की गतिविधियां तटीय कर्नाटक के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी में तेज हो गई हैं। कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। आशंका जताई जा रही है कि ये स्लीपर सेल्स  जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) संगठन से हैं।

बोम्मई ने कहा, "बेंगलुरु और मैसूरु में स्लीपर सेल के सक्रीय होने की आशंका को देखते हुए NIA चाहता है कि हम अतिरिक्त सावधानी बरते।" उन्होंने आगाह किया कि जेएमबी ने न केवल तटीय और आंतरिक कर्नाटक में, बल्कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के तटीय क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों का विस्तार किया है। बोम्मई ने यह भी कहा कि राज्य में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की आवाजाही तेज हो गई है।

बोम्मई ने कहा, "हमारी पुलिस विशेष रूप से बेंगलुरु और मैसूरु में अलर्ट पर है। हम संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे हैं और इसका विश्लेषण कर रहे हैं।" इस सप्ताह की शुरुआत में, बोम्मई ने बेंगलुरु-विशिष्ट आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) के गठन की घोषणा की थी, जो एनआईए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेगा।

उन्होंने कहा कि बेंगलुरू-विशिष्ट एटीएस 1 नवंबर से कार्यशील हो जाएगा। कर्नाटक में पहले से ही ATS है। एटीएस की स्थापना का निर्णय बेंगलुरु और उसके आसपास के कई जेएमबी कैडरों की गिरफ्तारी के बाद किया गया था, जिनके पास से पिछले एक साल में विस्फोटक उपकरण और कई अन्य सामग्री जब्त की गई थीं।

एनआईए के मुताबिक, 2 अक्टूबर, 2014 को पश्चिम बंगाल के बर्दवान में हुए बम धमाकों में शामिल ये आतंकवादी, जिसमें दो व्यक्ति मारे गए थे, बेंगलुरु और उसके आसपास जमा हुए थे। उन्होंने खुलासा किया था कि पड़ोसी तमिलनाडु में कृष्णागिरि पहाड़ियों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए गए थे और देश भर में अपनी जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वे यहां बेस स्थापित करना चाहते थे।

हाल ही में नई दिल्ली में आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुखों की एक बैठक को संबोधित करते हुए, एनआईए प्रमुख वाई सी मोदी ने कहा था कि जेएमबी ने बांग्लादेशी प्रवासियों की आड़ में झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में अपनी गतिविधियां फैलाई हैं।

उन्होंने कहा कि जेएमबी पूरे भारत में अपने जाल फैलाने की कोशिश कर रही है और विभिन्न राज्यों के साथ 125 संदिग्धों की सूची साझा की गई है। उनके अनुसार, 2014 से 2018 तक, जेएमबी ने बेंगलुरु में 20-22 ठिकाने स्थापित किए और दक्षिण भारत में अपने ठिकानों को फैलाने की कोशिश की।

 

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