Farmer protest: किसान मोर्चा का ऐलान, 6 फरवरी को पूरे भारत में करेंगे चक्का जाम

Farmer protest: किसान मोर्चा का ऐलान, 6 फरवरी को पूरे भारत में करेंगे चक्का जाम

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-01 16:22 GMT
हाईलाइट
  • कृषि सुधार बिलों की दृष्टि से जिन लोगों के मन में शंका है वो इस बजट से दूर हो जानी चाहिए: तोमर
  • सरकार बातचीत से इस समस्या का हल निकाले
  • हम बातचीत के लिए तैयार: टिकैत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 6 फरवरी को किसान 3 घंटे के लिए राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर चक्का जाम करेंगे। सोमवार देर शाम हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेस में किसान नेताओं ने कहा कि सारे देश में फरवरी की छह तारीख को 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय और राज्य मार्गों तीन घंटे के लिए चक्का जाम करेंगे।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर 2 महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सोमवार को सिंघु बॉर्डर के नजदीक बैठक की, जिसमें 5 से 6 मुद्दों पर चर्चा की गई और कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि युवा किसानों को परेशान किया जा रहा है, उन्हें पीटा जा रहा है। बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान पिछले 68 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने पुलिस पर आरोप लगाया कि प्रदर्शन में आए नौजवानों को परेशान किया जा रहा है, बेवजह उनकी पिटाई और गिरफ्तारी की की जा रही है। मोर्चा के अनुसार, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के बाद से किसानों के कई ट्रैक्टरों, वाहनों को जब्त किया गया है। साथ ही बॉर्डर के आसपास की जगहों को पूरी तरह ब्लॉक किया जा रहा है। धरना स्थल पर बिजली, पानी की आपूर्ति और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इन सबके विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला लिया गया है कि 6 फरवरी को देशभर की मुख्य सड़कों पर दिन के 12 से 3 बजे तक कोई गाड़ी नहीं चलने दी जाएगी।

किसान संगठनों और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। 11वीं बैठक में सरकार की तरफ से नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक स्थगित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की लिखित गारंटी और इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अडिग हैं। आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि 26 जनवरी को लालकिले पर हुई घटना में इनके लोग नहीं थे, बल्कि बाहर से आए लोग थे जो घटना को अंजाम देने के बाद कहां चले गए, किसी को पता नहीं है। वे बाहरी लोग किसानों को बदनाम करने के लिए आए थे और पहले से इसकी साजिश रची गई थी।

सरकार बातचीत से इस समस्या का हल निकाले, हम बातचीत के लिए तैयार: टिकैत
इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार बातचीत से इस समस्या का हल निकाले। हम बातचीत के लिए तैयार हैं, किसान मोर्चा के जो 40 संगठनों की 40 सदस्यों की कमेटी है, उससे सरकार बात करे।

कृषि बिलों को लेकर जो शंका है, इस बजट से दूर हो जानी चाहिए: तोमर
वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि सुधार बिलों की दृष्टि से जिन लोगों के मन में शंका है वो इस बजट से दूर हो जानी चाहिए। इस बज़ट में MSP के प्रति प्रतिबद्धता भी जाहिर की है और APMC को सशक्त बनाने की दृष्टि से भी सरकार ने ध्यान रखा है। 

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