किराए के मकान में खुला था PNB, 1894 में ऐसे हुई थी शुरुआत

किराए के मकान में खुला था PNB, 1894 में ऐसे हुई थी शुरुआत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-17 04:35 GMT
किराए के मकान में खुला था PNB, 1894 में ऐसे हुई थी शुरुआत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 11,356 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद एक बार फिर से बैंकिंग सिस्टम और सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस घोटाले में आरोपी नीरव मोदी, उनकी पत्नी एमी मोदी, भाई निशाल मोदी और मामा मेहुल चौकसी शामिल हैं। इसके साथ ही इस घोटाले में कुछ बैंक अधिकारी भी शामिल हैं, जिनमें से 8 कर्मचारियों को अभी तक सस्पेंड किया जा चुका है। PNB में हुए इस घोटाले को देश का सबसे बड़े बैंकिंग घोटाला बताया जा रहा है। पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है और आज देशभर में इसकी करीब 7 हजार से ज्यादा ब्रांच है।


लाला लाजपत राय का आइडिया था

पंजाब नेशनल बैंक का आइडिया स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय का था। दरअसल, अंग्रेज ब्रिटिश बैंकों और कंपनियों को चलाने के लिए भारतीय पैसों का इस्तेमाल कर रहे थे, इसका सारा फायदा अंग्रेज उठा रहे थे, जबकि भारतीयों को सिर्फ थोड़ा ही ब्याज मिल रहा था। लालाजी चाहते थे कि भारत का अपना एक बैंक होना चाहिए और उन्होंने इस बात का आर्य समाज के राय बहादुर मूल राज से भी किया था।

 

                                                                       PNB का लाहौर में पहला ऑफिस

ऐसे हुई थी PNB की शुरुआत

लाला लाजपत राय के आइडिए पर जल्द ही काम भी शुरू हो गया था। स्वदेशी बैंक की स्थापना को लेकर तुरंत कागजी कार्रवाई शुरू की गई और इंडियन कंपनी एक्ट 1882 के सेक्शन-6 के तहत 19 मई 1894 को पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना हो गई। PNB की शुरुआत लाहौर के अनारकली बाजार में मौजूद डाकखाने के सामने किराए के मकान में हुई थी। इसके बाद 23 मई 1894 को इसे आम लोगों के लिए खोला गया। PNB की पहली ब्रांच लाहौर के बाहर कराची-पेशाबर में 1900 में खोली गई। इसके बाद भारत में पहली ब्रांच 1940 में देहराहून में खुली।

 

                                                                              लाला लाजपत राय

सिर्फ 7 डायरेक्टर्स के साथ हुई थी शुरुआत

शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक के सिर्फ 7 डायरेक्टर्स और 14 शेयरहोल्डर्स ही थे। PNB के पहले चेयरमैन सरदार दयाल सिंह मजीठिया बने। जबकि लाला लाजपत राय,  लाला हरकिशन लाल, लाला लालचंद, काली प्रोसन्ना, प्रभु दयाल और लाला ढोलना दास बैंक के शुरुआती दिनों में इसके मैनेजमेंट के साथ जुड़े रहे। 1947 में आजादी के बाद PNB को अपना लाहौर ऑफिस खोना पड़ा था। इसके बाद 1969 में PNB के साथ 13 बैंकों का मर्जर हो गया और ये नेशनलाइज्ड बैंक बन गया। इसी बैंक में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी जैसे नेताओं के बैंक अकाउंट्स थे।

 



आज 7 हजार से ज्यादा ब्रांच, 10 हजार ATM

आज से 123 साल पहले शुरू हुआ पंजाब नेशनल बैंक आज देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज देशभर में PNB की 7 हजार से ज्यादा ब्रांच है और 10 करोड़ से भी ज्यादा ग्राहक हैं। इसके साथ ही देशभर में बैंक के 10,700 ATM हैं और 764 शहरों में बैंक की ब्रांच है। इसके अलावा PNB में आज 70 हजार से ज्यादा कर्मचारी भी हैं। दुनिया के टॉप-1000 पब्लिक सेक्टर बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक की 191वीं रैंक है।

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