राजस्थान उपचुनावों में कांग्रेस की जीत पर क्यों खुश है करणी सेना? 

राजस्थान उपचुनावों में कांग्रेस की जीत पर क्यों खुश है करणी सेना? 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-02 05:37 GMT
राजस्थान उपचुनावों में कांग्रेस की जीत पर क्यों खुश है करणी सेना? 

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में हुए उपचुनावों में बीजेपी की हार पर करणी सेना ने भी खुशी जाहिर की है। करणी सेना ने बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत पर पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुई बीजेपी की हार को करणी सेना ने "संघर्ष की जीत" बताते हुए कहा कि "जनता ने हमारे संघर्ष को सराहा है और बीजेपी के खिलाफ वोट किया है। अगर बीजेपी ऐसी ही रही तो नतीजे भी ऐसे ही आएंगे।" बता दें कि राजस्थान की करणी सेना ने संजय लीला भंसाली की फिल्म "पद्मावत" पर बैन लगाने की मांग की थी। 

कांग्रेस से ज्यादा अपनी जीत देख रही है करणी सेना

गुरुवार को जब राजस्थान उपचुनावों के नतीजे घोषित हुए तो कांग्रेस से ज्यादा करणी सेना में जश्न का माहौल देखने को मिला। करणी सेना ने पटाखे फोड़कर बीजेपी की हार का जश्न मनाया और इसे "संघर्ष की जीत" बताया। उपचुनाव के नतीजे आने के बाद राजपूत करणी सेना ने कहा कि "ये जीत किसी पार्टी की नहीं, बल्कि ये संघर्ष समिति की जीत है। लोगों ने हमारे संघर्ष का समर्थन किया है और बीजेपी के खिलाफ वोट किया है। अगर बीजेपी का रवैया आगे भी यही रहा तो नतीजे भी ऐसे ही आएंगे।" वहीं करणी सेना के चीफ लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि "पद्मावत फिल्म पर बैन नहीं लगाने का नतीजा बीजेपी को मिला है और ये गलती बीजेपी को सुधारनी चाहिए।"

 


बीजेपी से क्यों नाराज है करणी सेना?

करणी सेना और बीजेपी एक नजर में तो साथ खड़े दिखाई देते हैं, लेकिन बीती कुछ घटनाओं ने इन दोनों के बीच दरार पैदा कर दी है। बीजेपी और करणी सेना के बीच टूट पिछले साल 24 जून को हुए आनंदपाल एनकाउंटर ने पैदा की थी। आनंदपाल गैंगस्टर था और रावणा राजपूत समाज से आता था। राजपूत समाज भी रावणा समाज का ही मानते हैं। इसके बाद संजय लीला भंसाली की फिल्म "पद्मावत" ने भी दरार को और चौड़ा कर दिया। करणी सेना ने पद्मावत को बैन करने की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फिल्म को रिलीज कर दिया गया। हालांकि, राजस्थान में फिल्म को बैन जरूर किया गया, लेकिन करणी सेना फिर भी नाराज ही रही। करणी सेना का कहना है कि "हमने कभी भी कांग्रेस का साथ नहीं दिया, लेकिन इस बार बीजेपी को हराने के लिए हमें कांग्रेस को वोट देना पड़ा।"

पद्मावत का विरोध करने वाली ये "करणी सेना" है कौन और आई कहां से? 

तो क्या कांग्रेस के साथ है करणी सेना? 

राजस्थान के उपचुनावों में करणी सेना ने कांग्रेस को वोट दिया, इस बात का दावा खुद करणी सेना ने कहा। करणी सेना और बीजेपी काफी लंबे वक्त तक साथ रहे हैं। करणी सेना की शुरुआत भी लोकेंद्र सिंह कालवी ने बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी के साथ मिलकर हुई, लेकिन पिछले कुछ सालों में राजपूतों के साथ ऐसी कई घटनाएं हुई कि राजपूतों का बीजेपी से मोहभंग हो गया। राजपूत पहले तो अपने कद्दावर नेता जसवंत सिंह की बाडमेर से टिकट काटे जाने से नाराज थे, फिर आनंदपाल एनकाउंटर और फिर पद्मावत फिल्म ने राजपूतों को बीजेपी से दूर कर दिया। राष्ट्रीय करणी सेना के प्रमुख सुखदेव गोगामेड़ी का कहना है कि लगातार एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हुई, जिससे राजपूतों को बीजेपी से रिश्ते तोड़ने पड़े। करणी सेना कहा कहना है कि "कांग्रेस ही बीजेपी को हरा सकती है, इसलिए हमने कांग्रेस को वोट दिया। बीजेपी के पास अभी भी मौका है, नहीं तो हम विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी उसे सबक सिखाएंगे।"

 



कौन है करणी सेना?

करणी सेना राजपूतों का संगठन है, जो राजस्थान में सक्रिय है, लेकिन पद्मावत फिल्म के विरोध ने इसे पूरे देश में फैला दिया। करणी सेना की शुरुआत 23 दिसंबर 2006 को लोकेंद्र सिंह कालवी और बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी ने की थी। 2008 के चुनावों में कांग्रेस में लोकेंद्र सिंह कालवी के शामिल होने से करणी सेना में फूट पड़ी और फिर कालवी को करणी सेना से बाहर कर दिया गया और अजीत सिंह मामडोली इसके अध्यक्ष बने। इसके बाद 2010 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने "श्री राजपूत करणी सेना" बनाई, लेकिन कालवी और प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के बीच विवाद हो गया। फिर सुखदेव सिंह ने "राष्ट्रीय श्री राजपूत करणी सेना" नाम से अलग संगठन बना लिया।

क्या रहे राजस्थान उपचुनाव के नतीजे?

  • राजस्थान में अलवर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के डा. करण सिंह यादव ने भाजपा के जयवंत सिंह यादव को एक लाख 96 हजार 496 मतों के अंतर से हराया।
  • अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रघु शर्मा ने भाजपा के राम स्वरूप लाम्बा को 84 हजार 414 मतों के अंतर से पराजित किया।
  • मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विवेक धाकड़ ने भाजपा के शक्ति सिंह हांडा को 12 हजार 976 मतों से पराजित किया।
  • पश्चिम बंगाल की उलुबेड़िया लोकसभा सीट उपचुनाव में तृणमूल प्रत्याशी सजदा अहमद ने 4 लाख 70 हजार वोटों से बंपर जीत हासिल की।
  • नोयापाड़ा विधानसभा सीट उपचुनाव में तृणमूल प्रत्याशी सुनील सिंह ने 1,11,729 वोटों के साथ चुनाव जीता। उन्होंने सीपीएम की गार्गी चटर्जी, बीजेपी के संदीप बनर्जी और कांग्रेस के गौतम बोस को मात दी। 

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