कोरोना महामारी के बाद अब बढ़ रहा है अकेलापन,लोग हो रहे मानसिक रोग के शिकार,अगर दिख रहे हैं ये लक्षण तो हो जाए सावधान

कहीं आप भी मनोरोग के शिकार तो नहीं! कोरोना महामारी के बाद अब बढ़ रहा है अकेलापन,लोग हो रहे मानसिक रोग के शिकार,अगर दिख रहे हैं ये लक्षण तो हो जाए सावधान

Raja Verma
Update: 2022-10-08 16:33 GMT
हाईलाइट
  • डिप्रेशन लाइलाज बीमारी नहीं है

डिजिटल डेस्क,दिल्ली।  कोरोना महामारी के बाद से देश में मानसिक रोगियों  की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एक रिपोर्ट की मानें की  भारत में हर चौथा व्यक्ति मानसिक रोग जैसे चिंता, तनाव अवसाद आदि का शिकार हो रहा है। मानसिक रोगियों की संख्या को देखते हुए डॉक्टर्स का कहना है कि  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी साइकोलॉजिस्ट की व्यवस्था की जाए। ताकि मानसिक बीमारियों को कम करने में मदद की जा सके। 

अकेलापन की वजह से हो सकता है मानिसक रोग?

डाक्टर्स का मानना  है कि  मानसिक रोग की एक प्रमुख वजह अकेलापन भी हो सकता है। कोरोनाकाल के बाद मरीजों में मानसिक रोग में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सोशल साइकियाट्री में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर चौथा व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार हो रहा है ।

वहीं दिल्ली नगर निगम के आयुर्वेदिक पंचकर्मा हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक व मनोचिकित्सक डॉ. आरपी पाराशर का  मानना है कि देश की लगभग 10 फीसदी जनसंख्या किसी न किसी मानसिक समस्या से जूझ रहे है। मरीजों की संख्या को देखते हुए उनका कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत चिकित्सकों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उनका मानना हौ कि मानसिक रोगियों के उपचार के लिए विशेष नजरिये की आवश्कयता है। जिसका दायरा अस्पताल और दवा की सोच से बड़ा होना चाहिए। मानसिक रोगों के उपचार में योग, ध्यान, आध्यात्मिकता और प्राणायाम का विशेष महत्व है।

क्या होता है डिप्रेशन

 जब किसी व्यक्ति में बहुत लम्बे समय तक चिन्ता की स्थिति बनी रहती है तो वह ‘‘अवसाद’’ के  रूप में परिवर्तित हो जाती  है। अवसाद की स्थिति में व्यक्ति बहुत ही उदास रहते लगता है। उसमें मुख्य रूप से अकेले रहने और कई केसों में तो आत्महत्या के प्रयास करने की प्रवृत्ति भी देखी गई है। डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति खुद को अकेला, निर्बल मानकर जिन्दगी को अर्थहीन  समझने लगता है।

अवसाद के कारण

व्यक्तियों में डिप्रेशन अलग-अलग वजहों से हो सकता हैं। परिवार में घटित कोई बड़ा हादसा भी इसका कारण हो सकता हैं। डिप्रेशन लाइलाज बीमारी नहीं है। इसके पीछे जैविक मनोसामाजिक और आनुवांशिक कारण हो सकते हैं। हांलाकि कई बार इसकी असल वजह क्या है, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाता है। 


दिख रहें है, लक्षण तो उपचार में न करे देरी

मन न लगना,नींद न आना,लगातार टेंशन में रहना, जल्दी घबरा जाना, भविष्य के लिए अधिक चिंता,भूख-प्यास कम या ज्यादा होना, मन में उदासी, असहाय महसूस होना, अकेले बाहर निकलने में घबराहट, पेट की समस्या, गुस्से पर नियंत्रण नहीं रख पाना आदि जैसे लक्षण अगर दिखाई दे रहे हैं तो यह डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति में ये सभी लक्षण दिख रहे हो तो उसे बिना देर करे तुरंत ही मनोचिकित्सक के पास लें जाना चाहिए ।

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