उत्तराखंड में मदरसों का इनकार, नहीं लगाएंगे पीएम मोदी की तस्वीर

उत्तराखंड में मदरसों का इनकार, नहीं लगाएंगे पीएम मोदी की तस्वीर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-05 04:29 GMT
उत्तराखंड में मदरसों का इनकार, नहीं लगाएंगे पीएम मोदी की तस्वीर

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड में मदरसों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर मदरसों को अंदर लगाए जाने वाले आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। दरअसल पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के बाद राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि सभी शैक्षणिक संस्थान 2022 तक पीएम नेरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया विजन को साकार करने के लिए काम करने की प्रतिज्ञा लें। साथ ही उन्होंने ये भी कहा गया था कि सभी संस्थान परिसर में पीएम की तस्वीर लगाएं।

इसलिए नहीं लगा सकते तस्वीर

उत्तराखंड मदरसा एजुकेशन बोर्ड के डेप्युटी रजिस्ट्रार हाजी अखलाख अहमद ने कहा, "इस आदेश के मद्देनजर मदरसों के अधिकारियों ने मीटिंग की और धार्मिक कारणों से पीएम मोदी की तस्वीर न लगाने का फैसला लिया।" उन्होंने आगे कहा, इस्लाम में किसी व्यक्ति की तस्वीर को मदरसे में लगाना हराम है, इसलिए पीएम मोदी की तस्वीर को लगाए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।"

आदेश मानने के लिए नहीं किया जा सकता बाध्य

वहीं देहरादून के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने जेएस रावत ने कहा कि ये आदेश सभी सरकारी संस्थानों के लिए जारी किया गया है। हालांकि किसी को भी उसके धर्म के विपरीत इस आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। बता दें कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राज्य सरकार के इस आदेश जारी करने के कुछ दिन बाद ही विभाग के अधिकारियों से इस आदेश को पालन करने के लिए कहा था। 

मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई की मांग

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत पढ़ाने की मांग हुई थी। प्रदेश की मदरसा वेलफेयर सोसायटी (एमडब्ल्यूएस) के सदस्यों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर इसकी मांग की थी। हालांकि, प्रदेश के मदरसा बोर्ड ने एमडब्ल्यूएस की इस मांग को अव्यावहारिक बताते हुए मानने से इनकार कर दिया था। प्रदेश की 207 मदरसों का प्रतिनिधित्व करने वाली एमडब्ल्यूएस ने 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री रावत को इस बाबत पत्र लिखा था। उन्होंने अपने पत्र में अपील की थी कि सूबे के मदरसों से संस्कृत के शिक्षकों को भी जोड़ा जाए ताकि वहां के पाठ्यक्रम में संस्कृत को जोड़ा जा सके।

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