NCP ने फेरा शिवेसना की उम्मीदों पर पानी, पवार बोले-हम विपक्ष में ही बैठेंगे

NCP ने फेरा शिवेसना की उम्मीदों पर पानी, पवार बोले-हम विपक्ष में ही बैठेंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-02 03:05 GMT
NCP ने फेरा शिवेसना की उम्मीदों पर पानी, पवार बोले-हम विपक्ष में ही बैठेंगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद सरकार बनाने को लेकर खींचतान जारी है। इसबीच एनसीपी ने शिवसेना के सरकार बनाने के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साफ कह दिया है कि उनकी पार्टी विपक्ष में बैठेगी। उन्होंने कहा कि जनता ने हमें विपक्ष के लिए चुना है। हम विपक्ष में बैठेंगे। पवार ने नासिक में पत्रकारों से बातचीत में सीएम पद के बंटवारे को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच चल रहे गतिरोध को बचकाना बताया। वहीं संजय राउत से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि राउत मुझसे मिले थे, लेकिन शिवसेना के बारे में कोई बात नहीं हुई। 

होगा राष्ट्रपति शासन लागू

इधर राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध फिलहाल खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा। अगर ये गतिरोध ऐसा चलता रहा और तय समय पर सरकार का गठन नहीं किया गया तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। 

एकनाथ शिंदे बने विधायक दल के नेता

गुरुवार को शिवसेना दल की बैठक हुई। बैठक में एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक के बाद शिवसेना के नेताओं ने पहले राज्यपाल से मुलाकात की और बाद में संजय एनसीपी प्रमुख से मिलने पहुंच गए। जिसके बाद से सवाल उठने लगे है कि क्या शिवसेना अन्य विकल्प पर विचार कर रही है।

संपर्क में एनसीपी-कांग्रेस 

इसके पहले शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार बनाने के लिए भाजपा की तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस भी हमसे संपर्क में है। इसके बाद उद्धव ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित किया। सूत्रों के अनुसार उद्धव ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनाने को लेकर भाजपा की तरफ से मेरे पास अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है। उद्धव ने पार्टी के विधायकों से कहा कि हम सरकार बनाएंगे लेकिन भाजपा के साथ जो तय हुआ था उससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है और हमें उससे ज्यादा और कुछ नहीं चाहिए। उद्धव ने मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। इससे सरकार बनाने की चर्चा बेपटरी हो गई। भागीदारी के 50-50 प्रतिशत भाजपा के फार्मूले को फिर दोहराया।

झगड़े में न पड़े

मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने कांग्रेस पार्टी को सलाह दी है कि वह भाजपा-शिवसेना के झगड़े में न पड़े। उन्होंने कहा कि शिवसेना कभी भाजपा का साथ नहीं छोड़गी। यह लड़ाई सिर्फ हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हो रही है। राज्य में सरकार गठन में हो रही देरी के बाद कांग्रेस के कुछ नेता शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। पूर्व सांसद निरुपम ने कहा कि कांग्रेस पहले से ही बुरे दौर में हैं। ऐसी स्थिति में यदि शिवसेना का साथ दिया तो पार्टी को और नुकसान उठाना पड़ेगा। कांग्रेस को अपनी विचारधारा का त्याग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे न जाने किन कारणों से इंदिरा गांधी की इमरजेंसी का समर्थन किया था लेकिन उस वक्त इसके लिए कांग्रेस ने अपनी विचारधारा का त्याग नहीं किया था। 

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