सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखा- यह जुल्म के खिलाफ आवाज

सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखा- यह जुल्म के खिलाफ आवाज

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-16 15:24 GMT
सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखा- यह जुल्म के खिलाफ आवाज
हाईलाइट
  • 65 वर्षीय किसान ने सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर आत्महत्या कर ली
  • कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 20 दिनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 20 दिनों से किसान आंदोलन कर रहे है। इस बीच बुधवार को एक 65 वर्षीय किसान ने सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पीड़ित किसान बाबा राम सिंह हरियाणा के करनाल जिले के सिंघरा गांव के रहने वाले थे। किसान ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह किसानों की दुर्दशा को देख नहीं सकते, जो हाल ही में पारित कृषि बिल के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सुसाइड नोट में बाबा राम सिंह ने कहा किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया। कइयों ने सम्मान वापस किएय़ यह जुल्म के खिलाफ आवाज है। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।

संत राम सिंह को गोली लगने के बाद लोग पानीपत के पॉर्क अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका शव करनाल ले जाया गया है। राम सिंह बुधवार को साथी किसानों के साथ कार से कोंडली बॉर्डर पहुंचे थे। संत राम सिंह के साथी गुरमीत ने बताया कि राम सिंह ने सभी से कहा कि तुम स्टेज पर जाकर अरदास करो। गुरमीत जब अरदास करने मंच पर गए और कार का चालक चाय पीने के लिए चला गया को उन्होंने खुद को गोली मार ली।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुदकुशी पर दुख जाहिर किया है। सिरसा ने कहा, दिल बहुत दुखी है आप को ये बताते हुए कि संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा को देखते हुए आत्महत्या कर ली। इस आंदोलन ने पूरे देश की आत्मा झकझोर कर रख दी है। मेरी वाहेगुरु से अरदास है कि उनकी आत्मा को शांति मिले। 

 


 

 

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