सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह बड़े पैमाने पर मनाएगी मोदी सरकार

सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह बड़े पैमाने पर मनाएगी मोदी सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-20 14:16 GMT
सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह बड़े पैमाने पर मनाएगी मोदी सरकार
हाईलाइट
  • 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह है।
  • इसके लिए देशभर के तमाम स्कूलों और कॉलेजों में इससे जुड़े समारोह होंगे।
  • मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह को बड़े पैमाने पर मनाने की तैयार कर रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 29 सितंबर भारत के लिए बेहद अहम दिन है, क्योंकि साल 2016 में इसी दिन भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। लोकसभा और तीन बड़े राज्यों के चुनाव के पहले मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह को बड़े पैमाने पर मनाने की तैयार कर रही है। इसके लिए देशभर के तमाम स्कूलों और कॉलेजों में इससे जुड़े समारोह होंगे। देश में राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह को बड़े पैमाने पर मनाना चाहती है। इस दौरान देश की रक्षा के लिए सेना में शामिल होने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा।

पीएमओ ने कहा कि ऐसे मौकों से नई पीढ़ी में देश के प्रति कुछ करने का जज्बा पैदा किया जा सकता है, जिसके बाद वे सेना में जाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। पीएमओ ने रक्षा, मानव संधाधन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालयों को देश के तमाम इलाकों में इस समारोह को मनाने के लिए इंतेजाम करने के लिए कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के लगभग एक हजार शिक्षण संस्थानों में 29 सिंतबर को कार्यक्रम होंगे। सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रहे सेलिब्रेशन में इस बात को बताया जाएगा कि मौजूदा मोदी सरकार ने किस तरह सेना को उनके हिसाब से छूट दी, जिसके बाद मनमाफिक परिणाम आए।

गुरुवार को यूनिवर्सिटी ग्रांच कमीशन (UGC) ने देश भर में विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को निर्देश दिया कि वे 29 सितंबर को "सर्जिकल स्ट्राइक डे" के रूप में मनाए। UGC ने वाइस चांसलर्स से बातचीत में कहा, सभी विश्वविद्यालयों की NCC यूनिट्स को 29 सितंबर को एक विशेष परेड आयोजित करना चाहिए जिसके बाद NCC कमांडर उन्हें सीमाओं की सुरक्षा के तरीकों पर संबोधित करेंगे। विश्वविद्यालय सशस्त्र बल के जवानों की शहादत के बारे में छात्रों को संवेदनशील बनाने के लिए पूर्व-सैनिकों को एक टॉक-सेशन के लिए बुला सकता है।

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