38 हजार करोड़ खर्च, लेकिन सरकार को पता नहीं कितनी साफ हुई गंगा- RTI

38 हजार करोड़ खर्च, लेकिन सरकार को पता नहीं कितनी साफ हुई गंगा- RTI

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-03 05:15 GMT
38 हजार करोड़ खर्च, लेकिन सरकार को पता नहीं कितनी साफ हुई गंगा- RTI
हाईलाइट
  • उन्होंने गंगा सफाई का ऐलान किया था।
  • केन्द्र सरकार के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि मोदी सरकार के चार सालों के कार्यकाल में गंगा कितनी साफ हुई हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि ''मां गंगा ने मुझे बुलाया है''।


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बनारस के अस्सी घाट से  भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि ""मां गंगा ने मुझे बुलाया है""। उन्होंने गंगा सफाई का ऐलान किया था। बनारस से चुनाव जीतने के बाद खुद अस्सी घाट की सफाई भी की। पीएम मोदी ने खुद बनारस में गंगा सफाई का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार के बीते चार सालों में गंगा कितनी साफ हुई है। इसका जवाब मोदी सरकार के पास नहीं है। 

 

 

 

 


सूचना के अधिकार (RTI) के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है कि केन्द्र सरकार के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि मोदी सरकार के चार सालों के कार्यकाल में गंगा कितनी साफ हुई हैं। गंगा सफाई पर अबतक 38 हजार करोड़ रूपये खर्च किए जा चुके है, लेकिन सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट और पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने सूचना के अधिकार का आवेदन लगाकर गंगा सफाई का अब तक का ब्यौरा मांगा था कि गंगा कितनी साफ हुई है, लेकिन सरकार कोई आंकड़ा नहीं दे सकी। देखा जाए तो आज भी गंगा के किनारे बसे सभी शहरों से निकलने वाला गंदा पानी गंगा में जाकर मिल जाता है। जिससे गंगा दूषित हो रही है।

 

 

 

तोंगड़ ने कहा है कि गंगा सफाई को लेकर राजनीतिक बहीखातों में इजाफा जरूर हुआ है, लेकिन जमीन स्तर पर कितना काम हुआ इस का हिसाब सिर्फ सरकार के पास ही है।नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद "नमामि गंगे" नाम से एक परियोजना शुरू की गई। इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री उमा भारती को सौंपी गई। हालांकि कुछ दिनों बाद उमा भारती को उनके पद से हटा दिया गया और अब नितिन गडकरी ये मंत्रालय संभाल रहे हैं। गडकरी का कहना है कि साल 2019 के अंत गंगा 70 प्रतिशत साफ हो जाएगी। 

 

 

 


 

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