एक लाख से ज्यादा बच्चे यौन हिंसा के शिकार, सुप्रीम कोर्ट ने HC से 4 हफ्ते में मांगी जानकारी

एक लाख से ज्यादा बच्चे यौन हिंसा के शिकार, सुप्रीम कोर्ट ने HC से 4 हफ्ते में मांगी जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-18 10:34 GMT
एक लाख से ज्यादा बच्चे यौन हिंसा के शिकार, सुप्रीम कोर्ट ने HC से 4 हफ्ते में मांगी जानकारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में एक आठ महीने की बच्ची के रेप के मामले में याचिका दायर की। ये याचिका वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दायर की थी। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2016 की रिपोर्ट का हवाला देकर पेंडिंग केसों की स्थिति के बारे में बताया। बता दें कि देश में 2016 में एक लाख से ज्यादा बच्चे यौन हिंसा के शिकार हुए। इस याचिका के मुताबिक महज 229 मामलों में फैसला आया है। इन मामलों में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से देश में प्रोटेक्सन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पोस्को) एक्ट के तहत पेंडिंग केसों की जानकारी मांगी है। 

 

 

अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी

वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की याचिका में मांग की गई कि 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप के मामलों में रिपार्ट दर्ज होने के 6 महीने के अंदर मामले में फैसला सुनाया जाए। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने याचिका को संज्ञान में लेकर इन केसों की जानकारी को कहा हैं। बेंच ने देश के हाईकोर्ट से 4 हफ्तों में पोस्को एक्ट के पेंडिंग केसों की रिपोर्ट तलब की है। मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। 


बता दें कि वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने जिस मामले को लेकर याचिका दायर की है, उसमें केंद्र सरकार कोर्ट को बता चुकी है कि बच्ची से रेप के मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। आरोपी न्यायिक हिरासत में है। गौरतलब है कि पोस्को एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों में कोर्ट को चार्जशीट का परिज्ञान लेने के एक साल के अंदर फैसला सुनाना होता है। 
 

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