सीएए के विरोध में जामिया में मां-बेटियों का धरना

सीएए के विरोध में जामिया में मां-बेटियों का धरना

IANS News
Update: 2019-12-22 12:00 GMT
सीएए के विरोध में जामिया में मां-बेटियों का धरना

नई दिल्ली 22 दिसंबर (आईएएनएस)। जामिया विश्वविद्यालय कैंपस के गेट पर रविवार को कई महिलाओं ने अपनी छोटी बच्चियों के साथ धरना दिया। छोटी बच्चियां अपनी माताओं के साथ नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने यहां पहुंची थी। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाली इन महिलाओं में से कई जामिया की पूर्व छात्राएं भी थीं।

रविवार सुबह जामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर-7 पर ये महिलाएं अन्य सभी प्रदर्शनकारियों से पहले पहुंची। जामिया की पूर्व छात्रा आयशा ने बताया कि वह अपनी 9 साल की बेटी रेहाना को साथ लेकर आई हैं, ऐसा इसलिए ताकि रिहाना को भी ऐसे गंभीर मुद्दे की जानकारी व संघर्ष का साहस मिल सके।

अपना विरोध दर्ज कराने पहुंची लगभग सभी महिलाओं के साथ उनके छोटे बच्चे भी थे। इन बच्चों की उम्र महज 3 से 10 साल के बीच थी। प्रदर्शन में आई सोफिया नाम की एक अन्य महिला ने बताया कि वह अपनी 3 और 6 साल साल की दो छोटी बच्चियों के साथ यहां आई हैं।

महिलाएं जहां नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जमकर नारेबाजी करती रहीं, वहीं बच्चियों ने अपनी माताओं का साथ देने के लिए अपने नन्हें हाथों में सीएए व एनआरसी विरोधी पोस्टर थाम रखे थे।

महिलाओं के समूह ने पीएम मोदी, दिल्ली पुलिस, सीएए व एनआरसी के खिलाफ नारेबाजी की। मां बेटियों की इन दर्जनों जोड़ियों ने खुली सड़क पर करीब 3 घंटे तक अपना धरना जारी रखा।

हाथों में तिरंगा लिए जामिया आई विश्वविद्यालय की कई पूर्व छात्राओं का कहना था कि यह हिंदुस्तान उनका भी उतना ही अपना है जितना की देश में रहने वाले किसी भी अन्य आम भारतीय का। रविवार को जामिया कैंपस के बाहर एक बार फिर बड़ी संख्या में छात्रों के अलावा स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी।

बड़ी संख्या में महिलाएं अपने बच्चों के साथ इस प्रदर्शन का हिस्सा बनने रविवार को जामिया पहुंची। अधिकांश महिलाएं बुर्का पहनकर बड़े-बड़े समूहों में एक साथ जामिया के बाहर अपना विरोध दर्ज कराने पहुंची।

-- आईएएनएस

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