निर्भया केस : दोषी मुकेश ने चला अंतिम दाव, राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की

निर्भया केस : दोषी मुकेश ने चला अंतिम दाव, राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-14 13:56 GMT
निर्भया केस : दोषी मुकेश ने चला अंतिम दाव, राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की
हाईलाइट
  • 22 जनवरी को सुबह सात बजे निर्भया मामले के चार दोषियों को फांसी होनी है
  • दोषी मुकेश ने मंगलवार शाम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की
  • मुकेश के पास फांसी को टालने का ये अंतिम दांव है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट के क्यूरेटिव पिटीशन खारिज किए जाने के बाद दोषी मुकेश ने मंगलवार शाम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की है। मुकेश के पास फांसी को टालने का ये अंतिम दांव है। हालांकि इसकी संभावना बेहद कम है कि मुकेश की दया याचिका स्वीकार हो। 

मुकेश कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाते हुए ट्रायल कोर्ट के डेथ वारंट जारी करने के आदेश को रद्द करने की मांग की है। इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी। इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश और विनय की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया था।

22 जनवरी को सुबह 7 बजे होनी है फांसी
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को विनय शर्मा (26) और अन्य दोषियों मुकेश (32), पवन गुप्ता (25) और अक्षय कुमार सिंह (31) के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था। सभी को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाने वाली है। कोर्ट ने दोषियों को फांसी से पहले अपील करने का मौका दिया था। इसके बाद विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी। अक्षय और पवन गुप्ता ने इस मामले में क्यूरेटिव पिटीशन दायर नहीं की है।

तिहाड़ जेल में फांसी की तैयारियां पूरी
तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को फांसी की तैयारियां पूरी हो गई है। रविवार को चारों की डमी बनाकर फांसी की रिहर्सल की गई। इसके लिए पत्थरों और मलबे से चारों की डमी उनके वजन के हिसाब से तैयार की गई थी। इस प्रक्रिया को जेल अधिकारियों ने पूरा किया था। उत्तरप्रदेश के जल्लाद पवन चारों गुनेहगारों को फांसी के फंदे पर लटकाएंगे।

16 दिसंबर 2012 की घटना
बता दें कि दिल्ली की छात्रा निर्भया के साथ चलती बस के अंदर बर्बर तरीके से 16 दिसंबर 2012 को रेप किया गया था। इसके बाद वह उसे सड़क पर छोड़कर चले गए थे। गंभीर हालत में निर्भया को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे सिंगापुर इलाज के लिए भेजा गया था लेकिन उसने दम तोड़ दिया। इस मामले ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक जन आक्रोश उत्पन्न किया था।

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