तुष्टीकरण पर मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक, हज यात्रा पर सब्सिडी खत्म
तुष्टीकरण पर मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक, हज यात्रा पर सब्सिडी खत्म
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने हज यात्रा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी इस साल से खत्म कर दी है। अब हज पर जाने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। केन्द्र सरकार का यह फैसला इसी साल से लागू होगा। इस बात की जानकारी अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दी है। उन्होंने बताया कि हज के लिए दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा एजेंट्स उठा रहे थे इसलिए इसे बंद कर दिया गया है। नकवी ने बताया कि हज सब्सिडी के फंड को मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा उपलब्ध कराने पर खर्च किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हज पर जाने वाले गरीब मुस्लिमों के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
बता दें कि साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हज सब्सिडी को साल 2022 तक पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए। उस समय केन्द्र की यूपीए सरकार ने तो इस पर कोई कदम नहीं उठाया लेकिन मोदी सरकार के 3 सालों में ही इस पर यह बड़ा फैसला ले लिया गया है। हालांकि इससे पहले कई मौलवी भी कह चुके हैं कि इस्लाम के मुताबिक मुस्लिमों को अपनी मेहनत की कमाई से ही हज यात्रा करनी चाहिए। मुस्लिमों को सब्सिडी लेकर हज यात्रा पर जाने की जरुरत नहीं है।
नकवी ने इस फैसले के बारे में बताते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करते हुए अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाएगी। बता दें कि हर साल भारत से लाखों मुस्लिम धर्मावलंबी हज यात्रा पर जाते हैं। हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी पर केन्द्र सरकार हर साल करीब 700 करोड़ रुपए खर्च करती है।
सरकार के इस फैसले से इस साल करीब 1.75 लाख हज यात्री प्रभावित होंगे। गौरतलब है कि सऊदी अरब ने भारतीय यात्रियों के लिए कोटा 5 हजार और बढ़ा दिया है। अब भारत से 1.75 लाख नागरिक हज की यात्रा पर जा सकते हैं। इस साल भारत से करीब 1300 महिलाएं इस बार बिना मेहरम (परिवार का वह पुरुष जिससे शादी संभव नहीं) के हज यात्रा करेंगी।