संगीतकार खय्याम का आज राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

संगीतकार खय्याम का आज राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-20 06:58 GMT
संगीतकार खय्याम का आज राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
हाईलाइट
  • मोहम्मद जहूर खय्याम का सोमवार रात निधन हो गया।
  • 92 साल के खय्याम लंबे वक्त से बीमार थे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। खय्याम के नाम से मशहूर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार मोहम्मद जाहूर हाशमी का अंतिम संस्कार मंगलवार शाम (20 अगस्त) को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके एक सहयोगी ने इसकी जानकारी दी। आखिरी दर्शन के लिए खय्याम के पार्थिव शरीर को जुहू में स्थित उनके आवास पर रखा गया है। 

खय्याम का निधन सोमवार देर रात को हुआ था। वह 92 वर्ष के थे। उनकी शवयात्रा शाम चार बजे जुहू में दक्षिण पार्क सोसायटी में स्थित उनके घर से शुरू होकर फोर बंग्लोज कब्रिस्तान पहुंचेगी। उनका अंतिम संस्कार शाम साढ़े चार बजे किया जाएगा। गन सैल्यूट सहित पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।

 

 

 

 

म्यूजिक कंपोजर खय्याम का सोमवार को कार्डिएक अरेस्ट के कारण मुंबई में निधन हो गया। वह 92 साल के थे। उम्र से संबंधित बीमारी के चलते उन्हें कुछ दिनों पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खय्याम की मौत की खबर सामने आने के बाद पीएम मोदी और भारतीय फिल्म उद्योग के कई कलाकारों ने संगीत के उस्ताद को याद करते हुए सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी हिंदी फिल्म उद्योग के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। वह उमराव जान और कभी कभी जैसी फिल्मों में उनकी रचनाओं के लिए जाने जाते थे। उनके कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में बाजार फिल्म के "दिखाई दिए यूं", नूरी के "आजा रे", कभी कभी के "तेरे चहरे से", उमराव जान के "इन आंखो की" है। उन्होंने पहली बार 1961 की फ़िल्म शोला और शबनम के लिए संगीत तैयार करने के लिए ख्याति प्राप्त की।

उमराव जान में उनके काम के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने उमराव जान और कभी कभी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता। उन्हें 2007 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उन्हें 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया।

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