NCT बिल राज्यसभा में भी पास: कांग्रेस सहित 4 पार्टियों ने वोटिंग से पहले वॉकआउट किया, AAP ने बताया लोकतंत्र के लिए काला दिन

NCT बिल राज्यसभा में भी पास: कांग्रेस सहित 4 पार्टियों ने वोटिंग से पहले वॉकआउट किया, AAP ने बताया लोकतंत्र के लिए काला दिन

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-24 17:49 GMT
NCT बिल राज्यसभा में भी पास: कांग्रेस सहित 4 पार्टियों ने वोटिंग से पहले वॉकआउट किया, AAP ने बताया लोकतंत्र के लिए काला दिन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विपक्ष के भारी विरोध के बीच राज्यसभा में भी राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 (GNCT) बुधवार को पारित हो गया। बिल पेश होने के बाद राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ। कांग्रेस सहित चार दलों ने बिल का विरोध करते हुए सदन की कार्रवाई से वॉकआउट किया, लेकिन बिल के पक्ष बहुमत होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उसे पास कर दिया। विधेयक के राज्यसभा से पारित होने के बाद आम आदमी पार्टी ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है।

इस विधेयक में दिल्ली के उपराज्यपाल की कुछ भूमिकाओं और अधिकारों को बताया गया है। इसके पारित होने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल को ज्यादा ताकत मिल जाएगी। इससे पहले, लोकसभा में यह बिल 22 मार्च को पारित हो चुका है। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून की शक्ल ले लेगा।

BJD सांसद ने विरोध में वॉकआउट किया
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) से सांसद प्रसन्ना आचार्य ने भी बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने तय किया है कि वो इस बिल का समर्थन नहीं करेगी। ये बिल चुनी हुई सरकार की ताकत को कम करता है। बिना किसी हंगामे के हम सदन से वॉकआउट कर रहे हैं।

लोकसभा में 22 मार्च को पास हो चुका बिल

  • लोकसभा में 22 मार्च को NCT एक्ट पास हो चुका है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने इसे पेश किया था। यह बिल चुनी हुई सरकार के मुकाबले उपराज्यपाल के अधिकारों को बढ़ाता है। बिल में प्रावधान है कि दिल्ली सरकार को कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले LG की राय लेना जरूरी होगा।
  • इस बिल के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल को कुछ अतिरिक्त शक्तियां मिलेंगी। इसके बाद दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल से कुछ मामलों में मंजूरी लेनी जरूरी हो जाएगी। संशोधित बिल के मुताबिक, दिल्ली सरकार को विधायिका से जुड़े फैसलों पर एलजी से 15 दिन पहले और प्रशासनिक मामलों पर करीब 7 दिन पहले मंजूरी लेनी होगी, इसे लेकर ही दिल्ली सरकार आपत्ति जता रही है।
  • लोकसभा में बिल पेश करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि ये बिल लाना जरूरी हो गया है। दिल्ली सरकार का स्टेंड कई मुद्दों पर क्लीयर नहीं रहा है। इसलिए कुछ मामले अदालतों में भी चल रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इसे राजनीतिक विधेयक नहीं कहना चाहिए। दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश है। इस बिल से प्रशासन के कामकाज का तरीका बेहतर होगा।

भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन: केजरीवाल
विधेयक के राज्यसभा से पारित होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राज्यसभा में जीएनसीटीडी बिल पास हो गया। भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। हम लोगों को सत्ता वापस दिलाने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे। जो भी बाधाएं आए, हम अच्छा काम करते रहेंगे। काम न तो रुकेगा और न ही धीमा होगा।

दिल्ली की जनता इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी: सिसोदिया
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन है। दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के अधिकारों को छीन कर एलजी के हाथ में सौंप दिया गया। विडंबना देखिए कि लोकतंत्र की हत्या के लिए संसद को चुना गया जो हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। दिल्ली की जनता इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी।

संजय सिंह ने कहा- आप के विस्तार से घबराई केंद्र सरकार
आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह ने बिल को आलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि इस बिल से साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डरते हैं। कई राज्यों में आम आदमी पार्टी का विस्तार हो रहा है। इससे घबराकर ये बिल लाया गया है।

SP सांसद ने बिल सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी (SP) से सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने बिल के विरोध में संसद की कार्रवाई से वॉकआउट किया। उन्होंने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये बिल असंवैधानिक है। YSR कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने भी राज्यसभा से वॉकआउट किया।

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