ब्रिक्स ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान को अपनाया

ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी ब्रिक्स ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान को अपनाया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-09 13:21 GMT
हाईलाइट
  • पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 13 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की
  • ब्रिक्स ने पिछले डेढ़ दशकों में कई उपलब्धियां हासिल की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 13 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। 

इस दौरान उन्होंने कहा, यह भी पहली बार हुआ कि BRICS ने “मल्टीलेटरल सिस्टम्स की मजबूती और सुधार” पर एक साझा पोजिशन ली। हमने ब्रिक्स “काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान” भी अडॉप्ट किया है।

अपने उद्घाटन भाषण में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज़ है। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है।" उन्होंने सदस्यों को भारत की अध्यक्षता में पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिए भी धन्यवाद दिया।

पीएम ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुनी है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है - "BRICS at 15: Intra-BRICS Cooperation for Continuity, Consolidation and Consensus"

पीएम ने कहा, "इस साल कोविड-19 स्थिति के बावजूद, 150 से अधिक ब्रिक्स मीटिंग और इवेंट आयोजित किए गए। इनमें से 20 से अधिक मिनिस्टेरियल लेवल के थे। हमने ब्रिक्स एजेंडा का विस्तार करने की कोशिश की। ब्रिक्स ने इस साल कई उपलब्धियां हासिल की हैं। हमारे जल संसाधन मंत्री नवंबर में पहली बार ब्रिक्स प्रारूप में मिलेंगे।"

इस बीच, पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों और उसके सहयोगियों की वापसी से एक नया संकट पैदा हो गया है। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा को कैसे प्रभावित करेगा। पुतिन ने कहा, अफगानिस्तान को अपने पड़ोसी देशों लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का सोर्स नहीं बनना चाहिए। 

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