Economic Package: वित्त मंत्री ने राहत पैकेज की चौथी इंस्टॉलमेंट में 8 घोषणाएं की, जानें किसे क्या मिला

Economic Package: वित्त मंत्री ने राहत पैकेज की चौथी इंस्टॉलमेंट में 8 घोषणाएं की, जानें किसे क्या मिला

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-16 10:29 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के संकट से उबरने के लिए प्रधानमंत्री के बताए 20 लाख करोड़ के पैकेज के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर का मतलब ये नहीं कि हम दुनिया से अलग हो जाएं। कई सेक्टर को पॉलिसी से जुड़ी गतिविधियों की जरूरत है। शनिवार को उन्होंने 8 सेक्टर- कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयर स्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट्स, मेंटेनेंस एंड ओवरहॉल, केंद्र शासित प्रदेशों में पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा पर बात की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। इसके बाद वित्त मंत्री ने लगातार चार दिन इसका ब्रेकअप दिया। वित्त मंत्री 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का पांचवां ब्रेकअप कल सुबह 11 बजे बताएंगी।

आज का पैकेज संरचनात्मक सुधारों पर आधारित
वित्त मंत्री ने बताया कि आज का पैकेज संरचनात्मक सुधारों पर आधारित होगा। निर्मला सीतारमण ने डीबीटी, जीएसटी, आईबीसी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक सेक्टर बैंकों के सुधार, डायरेक्ट टैक्स में सुधार, पावर सेक्टर में सुधार, सिंचाई, कोल सेक्टर जैसी उपलब्ध्यिों की याद दिलाई पॉलिसी सुधार फास्ट ट्रैक इनवेस्टमेंट के लिए मेक इन इंडिया ने लोगों की सोच को बदला है। यह आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद बना है।

"इंडस्ट्रियल पार्क की रैकिंग"
वित्त मंत्री ने कहा कि इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के लिए लैंड बैंक, क्लस्टर की पहचान की गई है। अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए जीआईएस मैपिंग द्वारा 5 लाख हेक्टेयर जमीन भविष्य के इस्तेमाल के लिए सभी इंडस्ट्रियल पार्क की रैकिंग होगी।

कोल सेक्टर को लेकर बड़ा ऐलान, 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग की जाएगी और सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता कैसे बने और कैसे कम से कम आयात करना पड़े, इस पर काम करना है। ज्यादा से ज्यादा खनन हो सके और देश के उद्योगों को बल मिले। 50 ऐसे नए ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे। पात्रता की बड़ी शर्तें नहीं रहेंगी। कोल इंडिया लिमिटेड की खदाने भी प्राइवेट सेक्टर को दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि मिनरल्स में सुधार अन्वेषण से लेकर उत्पादन तक निर्बाध प्रक्रिया, ज्वाइंट ऑक्शन होगा, इसके अलावा कैप्टिव और नॉन कैप्टिव माइंस की परिभाषा बदलेगी। एक मिनरल इंडेक्स बनेगा। 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी। इन सबके लिए कोयला क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

रक्षा उत्पादन में FDI की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे हथियार, वस्तुओं, स्पेयर्स को नोटिफाइ करेगी, जिसमें आयात को बैन किया जाएगा और उनकी स्वदेशी आपूर्ति की जाएगी। ऑर्डिनंस फैक्ट्री का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा। प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा। रक्षा उत्पादन में FDI की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई है।

6 एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी
वित्त मंत्री ने कहा कि 6 एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यह काम करेगी। समय की कीमत है और समय बचाने के लिए काम करना होगा। भारतीय नागरिक विमानों को लंबे रास्ते लेने पड़ते हैं। इसे सुगम बनाया जाएगा। दो महीने के अंदर यह काम किया जाएगा। इससे विमानन क्षेत्र को 1 हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा। एयर फ्यूल भी बचेगा और पर्यावरण भी बचेगा।

केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का निजीकरण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का निजीकरण होगा। इससे विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को मौका
वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को मौका दिया जाएगा। ISRO की सुविधाओें का प्रयोग भी निजी कंपनियां कर पाएंगी। रिसर्च रिएक्टर पीपीपी मॉडल में स्थापित किया जाएगा। जिनसे कैंसर जैसे रोगों के उपचार में मदद मिलेगी।

 प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्तमंत्री ने कहा-

  • वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयारी रहना चाहिए। जब हम Aatma Nirbhar Bharat की बात करते हैं, तो हम इसके अंदर नहीं देख रहे,यह अलगाववादी नीति नहीं है,इसमें भारत को अपनी ताकत पर भरोसा करना है, वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के लिए लैंड बैंक, क्लस्टर की पहचान की गई है। अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए जीआईएस मैपिंग के द्वारा 5 लाख हेक्टेयर जमीन भविष्य के इस्तेमाल के लिए सभी इंडस्ट्रियल पार्क की रैकिंग होगी।
  • कई क्षेत्रों में नीतियों को सरल बनाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को यह समझना सरल हो कि इस क्षेत्र से क्या मिल सकता है, लोगों की भागेदारी बढ़े और पारदर्शिता आ सके। हम ऐसा करके किसी क्षेत्र के विकास और नौकरियों को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • न्यू चैंपियन सेक्टरों के संवर्धन के लिए प्रोत्साहन योजनाएँ शुरू की जाएंगी जैसे सोलर पीवी विनिर्माण, उन्नत सेल बैटरी भंडारण आदि क्षेत्रों में।
  • आज घोषित किए जा रहे संरचनात्मक सुधारों से उन क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगा जो विकास के नए क्षितिज हैं, नए निवेश को बढ़ावा देते हैं, उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और रोजगार सृजन करते हैं।
  • हम आज 8 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं - कोयला, खनिज रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा।
  • सरकार कोयला क्षेत्र में निर्धारित रुपए/टन व्यवस्था के बजाय राजस्व साझाकरण तंत्र द्वारा प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की शुरुआत करेगी।
  • कोयला क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
  • सरकार कोयला क्षेत्र में निर्धारित रुपए/टन व्यवस्था के बजाय राजस्व साझाकरण तंत्र द्वारा प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की शुरुआत करेगी।
  • 50,000 करोड़ रुपये का निवेश CIL (कोल इंडिया लिमिटेड) द्वारा 2023-24 तक कोयले के उत्पादन को 1 बिलियन टन तक पहुंचाने और निजी ब्लॉकों द्वारा कोयला उत्पादन के लिए किया गया है।
  • 500 खनन ब्लॉकों को एक खुली और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से पेश किया जाएगा, एल्यूमिनियम उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोयला खनिज ब्लॉकों की एक संयुक्त नीलामी पेश की जाएगी।
  • रक्षा निर्माण में ऑटोमेटिक रूट के अंतर्गत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% की जा रही है।
  • इंडियन एयर स्पेस के उपयोग पर प्रतिबंध को कम किया जाएगा ताकि नागरिक उड़ान अधिक कुशल हो। इससे विमानन क्षेत्र को प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपये का कुल लाभ होगा।
  • 8100 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम की मदद से सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
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