अब जेल से बाहर जाकर काम कर सकेंगे कैदी

अब जेल से बाहर जाकर काम कर सकेंगे कैदी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-18 07:53 GMT
अब जेल से बाहर जाकर काम कर सकेंगे कैदी

डिजिटल डेस्क,चंडीगढ़। भारत बदल रहा है। ये हम इसलिए कह रहे है क्योंकि हरियाणा में बहुत जल्द ओपन एयर जेल सिस्टम शुरू होने वाला है। इसमें कोई भी कैदी जेल सुपरिटेंडेंट की परमिशन से किसी भी फैक्ट्री या कृषि फार्म में काम कर सकेगा और शाम को वापस वहीं लौट आएगा। इतना ही नहीं, जेल के बाहर एक कैंपस बनाया जाएगा। कैपंस में अलग-अलग क्वॉर्टर होंगे और कैदी वहां अपने परिवार के सदस्यों के साथ रह सकेंगे। 

इतना ही नहीं जेल प्रशासन ने कैदियों पर सख्ती करने के मकसद से जैमर लगाने का काम भी शुरू कर दिया है। इसके लिए पुलिस विभाग के अफसरों को जेलों में जाकर चेकिंग करने को कहा गया है। यह सब बातें जेल, आवास एवं परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने पंचकूला में हरियाणा जेल उत्पाद प्रदर्शनी केंद्र का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात करते समय बताई। 

पंवार ने बताया कि 400 भूतपूर्व सैनिकों को जेल वार्डन नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जेलों में काम कर रहे कैदियों को अधिकतम 40 और 25 रुपये रोज के हिसाब से वेतन उनके खाते में डाल दिया जाता है, ताकि यह आगे भविष्य में उनके काम आ सके। 
पंवार ने कहा कि सभी जेलों की वर्कशॉप में बंदियों द्वारा बनाए गए सामान की यह प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि जेल को सुधार गृह कहा जाता है और सरकार का मानना है कि यदि कोई बंदी युवावस्था में किसी कारण से जेल में आ जाता है तो उसे सुधारने का भी काम किया जाए। विशेष तौर से युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से वर्कशॉप में ऐसा हुनर सिखाया जाएगा जिससे कि वह सजा काटने के बाद बाहर जाने पर अपने हुनर के मुताबिक अपने परिवार व प्रदेश के लिए काम कर सके। ऐसा हुनर सिखाने का काम प्रदेश की सभी जेलों में किया जा रहा है। 

कैदियों के लिए नरम हुई सरकार
जेल मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक बड़ा और अहम कदम लिया, अब से 75 साल या इससे अधिक के उम्र वाले पुरुषों और 65 साल या इससे अधिक की आयु वाली महिला कैदियों को उनके अच्छे चाल-चलन के चलते रिहा कर दिया जाएगा। साथ इसके अलावा 10 साल या इससे कम की सजा वाले कैदी जो अपनी दो तिहाई सजा पूरी कर चुके हैं। उनको भी रिहा कर दिया जाएगा है। 

इसके अलावा, जिन कैदियों को 10 साल या इससे अधिक की सजा दी गई है, जिनका व्यवहार ठीक है और संगीन अपराधी नहीं है उन्हें भी 45 दिन की माफी देने का फैसला लिया है। साथ ही, 10 साल या इससे कम की सजा वाले कैदियों को भी एक महीने की माफी देने का निर्णय लिया है। 

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