पीएम से मीटिंग के बाद बोलीं महबूबा- पाकिस्तान से बातचीत पर कश्मीरियों को सुकून मिलता है

पीएम से मीटिंग के बाद बोलीं महबूबा- पाकिस्तान से बातचीत पर कश्मीरियों को सुकून मिलता है

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-24 14:37 GMT
पीएम से मीटिंग के बाद बोलीं महबूबा- पाकिस्तान से बातचीत पर कश्मीरियों को सुकून मिलता है
हाईलाइट
  • अनुच्छेद-370 को हटाने को महबूबा ने असंवैधानिक बताया
  • PM के साथ बैठक के बाद महबूबा ने फिर अलापा PAK का राग
  • पाकिस्तान से बात करना कश्मीरियों को सुकून देता है- महबूबा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 8 दलों के 14 नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर पर करीब 3 घंटे बैठक की। इस बैठक के बाद PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान का राग अलापा। मुफ्ती ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, सरकार को पाकिस्तान से बात करना चाहिए। पाकिस्तान से जब बातचीत होती है, तो कश्मीरियों को भी सुकून मिलता है। वहीं उन्होंने अनुच्छेद-370 को हटाने को असंवैधानिक बताया।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, मैंने पीएम के साथ बैठक में जम्मू-कश्मीर के लोगों की मुसीबतें सामने रखीं। कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद से नाराज हैं और शोषित महसूस करते हैं। मैंने प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिकल-370 को असंवैधानिक तरीके से हटाया गया है। हम इसके खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे और इसे बहाल करेंगे। ये हमें पाकिस्तान से नहीं मिला था। ये हमें जवाहर लाल नेहरू और वल्लभ भाई पटेल ने हमें दिया था। ये हमारे डोमेसाइल को सुरक्षित करता है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, मैंने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 को रद्द होने से नाराज़ है। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा। मैंने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था। इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था। हम धारा 370 को संवैधानिक और क़ानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, हमने पीएम से कहा कि चीन के साथ आप बात कर रहे हैं। आपने पाकिस्तान से बातचीत की और इससे सीजफायर कम हुआ, इसका हम स्वागत करते हैं। पाकिस्तान से फिर बातचीत करनी चाहिए ताकि जो ट्रेड उनके साथ रुका है, वो बहाल हो। उन्होंने जेलों में बंद कैदियों को रिहा करने की भी मांग की। इसके साथ ही मुफ्ती ने कहा कि 2019 के बाद हमारी जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए पैकेज दिया जाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के लोग तंग आ गए हैं कि जोर से सांस भी लें तो उन्हें जेल में डाला जाता है।

महबूबा मुफ्ती के पाकिस्तान से बातचीत वाले बयान पर बवाल शुरू हो गया है। जम्मू में डोगरा फ्रंट ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि महबूबा को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। इसके लिए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए।

बता दें कि पीएम के साथ बैठक में नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, गुलाम अहमद मीर, ताराचंद, पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती, बीजेपी के निर्मल सिंह, कविन्द्र गुप्ता और रविन्द्र रैना, पीपुल कांफ्रेंस के मुजफ्फर बेग और सज्जाद लोन, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, सीपीआईएम के एमवाई तारीगामी, जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी शामिल हुए। इसके साथ ही, जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे।

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