कॉन्क्लेव में PM मोदी बोले- CAG को उत्प्रेरक के रूप में आगे आना जरूरी

कॉन्क्लेव में PM मोदी बोले- CAG को उत्प्रेरक के रूप में आगे आना जरूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-21 14:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में "ट्रांसफॉर्मिंग ऑडिट एंड एश्योरेंस इन ए डिजिटल वर्ल्ड" विषय पर गुरुवार को एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल वर्ल्ड में बदलते ऑडिट और बीमा पर अपने विचार व्यक्त किए। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को ना केवल आंकड़ों और कदमों तक ही सीमित रहना चाहिए बल्कि सुशासन के लिए उत्प्रेरक के रूप में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि CAG वो दिग्गज हैं, जो आईना लेकर सरकारी व्यवस्थाओं के सामने खड़े हो जाते हैं और कमियों और गलतियों को बताते हैं।

 

 

समाज में CAG की भूमिका
कॉन्क्लेव में CAG के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने CAG की भूमिका बताई। उन्होंने कहा कि "CAG की जिम्मेदारी इसलिए भी अधिक है क्योंकि आप देश और समाज के आर्थिक आचरण को पवित्र रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।" उन्होंने कहा कि "आज जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक ताकत बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, उसमें भी आप सभी की भूमिका अहम है। क्योंकि इसका सीधा असर सरकार की कार्यक्षमता, डिसिजन मेकिंग और पॉलिसी मेकिंग पर पड़ेगा।"

 

 

 

डिजिटल इकोनॉमी का विकास कर रहा भारत
पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत की डिजिटल इकोनॉमी को दुनिया की लीडिंग डिजिटल इकोनॉमी देश बताया। उन्होंने कहा कि "भारत दुनिया की लीडिंग डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और हम तीव्र गति से डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं।" साथ ही उनहोंने बताया कि "डिजिटल व्यवस्था ने जनता और सरकार के बीच के संबंधों को मजबूत किया है और इसी डिजिटलाइजेशन के कारण सरकारी प्रक्रियाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।"

 

 

 

साथ ही पीएम मोदी ने बताया कि "बीते कुछ सालों में सरकारी विभागों में फ्रॉड से निपटने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। अब CAG को ऐसे टेक्निकल टूल्स डेवलप करने होंगे, जिससे संस्थानों में फ्रॉड के लिए कोई गुंजाइश न बच सके।" उन्होंने कहा कि हमें फ्रॉड्स को चुनौती देनी चाहिए, आंतरिक और बाहरी दोनों ऑडिटर्स को फ्रॉड पकड़ने के लिए नए तरीके खोजने की जरूरत है और इसी लिए हमें ऑडिटर्स के मूल मूल्यों को प्रोत्साहित करने की भी जरूरत है।

JAM और GeM का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान JAM (जनधन, आधार और मोबाइल) व GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि "जनधन, आधार और मोबाइल से सामान्य मानवी को योजनाओं का लाभ डायरेक्ट पहुंच रहा है।" वहीं गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस के बारे में बताया कि "GeM के माध्यम से आज सरकार की 425 से ज्यादा स्कीम का लाभ लाभार्थियों तक पहुंच रहा है, जिसके कारण करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।"

 

 

 

साल 2022 का उद्देश्य
इसके बाद पीएम मोदी ने पॉलिसी मेकिंग की भी बात की। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि साल 2022 तक एविडेंस बेस्ड पॉलिसी मेकिंग को गवर्नेंस का अभिन्न हिस्सा बनाया जाए। यह नए भारत की नई पहचान बनाने में भी मदद करेगा। ऐसे में ऑडिट और एश्योरेंस सेक्टर के ट्रांसफॉर्मेशन के लिए भी यह सही दौर है और अब CAG को भी CAG 2.0 की तरफ बढ़ना होगा।

 

 

 

उन्होंने कहा कि भारत को तकनीक के साथ-साथ तालमेल बैठाने के लिए सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं को अपनाना चाहिए और भारत-विशेष उपकरणों पर काम करते हुए अपने ऑडिटिंग सिस्टम में लाना होगा।

 

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