देश में रहने के मामले में पुणे सबसे बेस्ट, टॉप 10 में इंदौर-भोपाल शामिल

देश में रहने के मामले में पुणे सबसे बेस्ट, टॉप 10 में इंदौर-भोपाल शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-13 12:39 GMT
हाईलाइट
  • इसमें पुणे नंबर एक पर है
  • जबकि नवी मुंबई और ग्रेटर मुंबई क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। वहीं राजधानी दिल्ली 65वें नंबर पर है।
  • केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सोमवार को जीवन सुगमता सूचकांक (लिवेबिलिटी इंडेक्स) जारी किया गया है।
  • भारत में रहने के मामले में महाराष्ट्र का पुणे शहर सबसे बेहतर माना गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की लिस्ट में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर ने भले ही बाजी मार ली हो, मगर रहने के मामले में महाराष्ट्र का पुणे शहर सबसे बेहतर माना गया है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि भारत में रहने के मामले में जारी अव्वल शहरों की लिस्ट में कहा गया है। केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सोमवार को जीवन सुगमता सूचकांक (लिवेबिलिटी इंडेक्स) जारी किया गया है। इसमें पुणे नंबर एक पर है, जबकि नवी मुंबई और ग्रेटर मुंबई क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। वहीं राजधानी दिल्ली 65वें नंबर पर है।

जानकारी के अनुसार मंत्रालय द्वारा भारत में रहने योग्य 111 बड़े शहरों के बारे में लिस्ट जारी की गई है। इस लिस्ट में राजधानी दिल्ली काफी पिछड़ गई। इस लिस्ट में जहां महाराष्ट्र के पुणे शहर ने टॉप किया है, तो वहीं उत्तर प्रदेश का रामपुर शहर इस सूची में सबसे अंतिम पायदान पर है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता ने पहले ही इस सर्वेक्षण में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। कोलकाता के अलावा हावड़ा, न्यू टाउन कोलकाता और दुर्गापुर ने भी इस सर्वे में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। नया रायपुर और अमरावती सर्वे के पैरामीटर में फिट नहीं बैठे क्योंकि ये ग्रीनफील्ड सिटी हैं।



केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि जीवन सुगमता सूचकांक चार मानदंडों-शासन, सामाजिक संस्थाओं, आर्थिक एवं भौतिक अवसंरचना पर आधारित है। चेन्नई को 14वां और नई दिल्ली को 65वां स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि पहले 116 शहरों को इसमें शामिल करने की योजना थी। इसमें सभी 100 स्मार्ट शहरों और वैसे शहर जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा थी उसे इसमें शामिल किया गया।

हरदीप पुरी ने बताया कि सर्वे में शहरों का आकलन करने के लिए चार पैमाने संस्थागत, सामाजिक, आर्थिक और भौतिक परिस्थितियां निर्धारित किए गए थे। इनमें 15 श्रेणियां और 78 सूचक थे। सभी 78 सूचकों के लिए 100 अंक थे। संस्थागत और सामाजिक श्रेणी के लिए 25-25 अंक थे। भौतिक परिस्थितियों के लिए अधिकतम 45 अंक थे, बाकी पांच अंक आर्थिक पैमाने के लिए थे।

टॉप 50 में उत्तर प्रदेश के सिर्फ चार शहर

  • बनारस : 33वें नंबर पर
  • झांसी : 34
  • गाजियाबाद :  46
  • रायबरेली : 49


लिस्ट में बिहार के तीन शहरों का हाल

  • पटना : 109
  • बिहार शरीफ : 108
  • भागलपुर : 107

Similar News