राजीव की प्रतिमा पर अकाली नेताओं ने पोती कालिख, कांग्रेस ने किया दूध से साफ

राजीव की प्रतिमा पर अकाली नेताओं ने पोती कालिख, कांग्रेस ने किया दूध से साफ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-25 12:11 GMT
राजीव की प्रतिमा पर अकाली नेताओं ने पोती कालिख, कांग्रेस ने किया दूध से साफ
हाईलाइट
  • कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सज्जन कुमार को सिख दंगों का दोषी ठहराए जाने के बाद गांधी परिवार पर हमले तेज हो गए हैं।
  • बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस प्रतिमा को दूध और पानी से साफ किया।
  • मंगलवार को अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने लुधियाना में स्थापित राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोत दी।

डिजिटल डेस्क, लुधियाना। कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सज्जन कुमार को सिख दंगों का दोषी ठहराए जाने के बाद गांधी परिवार पर हमले तेज हो गए हैं। आम आदमी पार्टी में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की बात पर विवाद थमा भी नहीं था कि अब अकाली दल भी राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग कर रहा है। मंगलवार को अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने लुधियाना के सालेम तबरी इलाके में स्थापित राजीव की प्रतिमा पर कालिख पोत दी। हालांकि बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस प्रतिमा को दूध और पानी से साफ किया।

जानकारी के मुताबिक यूथ अकाली दल के नेता गुरदीप  गोशा और मीतपाल डुगरी के नतृत्व में अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोती थी। अकाली दल का कहना है कि 1984 सिख दंगों में राजीव गांधी की भी भूमिका सामने आई है इसीलिए उनसे भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए। कालिख पोते जाने की खबर जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिली तो सांसद रवनीत सिंह बिट्टू  मौके पर पहुंच गए और मूर्ति को पानी और दूध से साफ किया। उन्होंने कहा कि पुलिस को अकाली दल के नेताओं पर कार्रवाई करना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

इस बीच, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना की निंदा करते हुए पुलिस को इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।  उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "अकाली दल के कार्यकर्ताओं द्वारा राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने की घटना की वह कड़ी निंदा करता हूं। पुलिस को मैंने दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सुखबीर सिंह बादल को इस अप्रिय कार्य के लिए पंजाब की जनता से माफी मांगना चाहिए।"

 


 

गौरतलब है कि अकाली दल पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले पर पहले ही बैकफुट पर है। उसके पास सरकार को घेरने वाले मुद्दों की कमी है। अब 84 के दंगों में सज्जन कुमार को सजा मिलने के बाद उसके हाथ एक नया मुद्दा लग गया है। अकाली दल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न वापस लौटाने की मांग कर  1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले को जिंदा रखना चाहता है। हालांकि सत्तारूढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी अकाली दल की मांग से सहमत नहीं है।
 

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