राज्यसभा में कल पेश होगा 3 तलाक बिल, कांग्रेस बदलेगी अपना स्टैंड

राज्यसभा में कल पेश होगा 3 तलाक बिल, कांग्रेस बदलेगी अपना स्टैंड

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-01 11:33 GMT
राज्यसभा में कल पेश होगा 3 तलाक बिल, कांग्रेस बदलेगी अपना स्टैंड

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में साल 2018 की शुरुआत ट्रिपल तलाक बिल से होने वाली है। लोकसभा में पास हुए ट्रिपल तलाक बिल को अब राज्यसभा में पास होना बाकी है। इसके लिए बुधवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। कांग्रेस ने अब यह साफ कर दिया है कि वो राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पर अपना स्टैंड बदलने वाली है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वो इस बिल के समर्थन में तो है, लेकिन इसमें कुछ खामियां हैं, उन्हें सुधारना जरूरी है।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन तो किया, लेकिन उसमें कुछ खामियां भी गिनाई थीं। कांग्रेस चाहती थी कि बिल में एक बार में तीन तलाक कहने को "अपराध" बताने वाले क्लॉज को हटा दिया जाए, लेकिन माना जा रहा है कि राज्यसभा में पार्टी अपना स्टैंड बदल सकती है।

बता दें कि पिछले सप्ताह लोकसभा में पारित हुए तीन तलाक बिल में "अपराध" वाले क्लॉज का कांग्रेस ने विरोध करते हुए इसे संसदीय समिति के पास भेजे जाने की मांग की थी। हालांकि जब बिल के लिए वोटिंग करने की बारी आई, तो उसने किसी सांसद या धर्मनिरपेक्ष संगठनों द्वारा सुझाए गए संशोधनों का समर्थन नहीं किया।

सुलह के लिए शौहर को मिलनी चाहिए जमानत


लोकसभा में पास हुआ ट्रिपल तलाक बिल गैरजमानती है। इस विधेयक में एक बार में ट्रिपल तलाक को अवैध करार दिया गया है और इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। कांग्रेस चाहती है कि इसमें थोड़ा सुधार करते हुए इसे जमानती अपराध बनाया जाना चाहिए। इसके लिए वह अपना पक्ष राज्यसभा में रखेगी।

कांग्रेस पार्टी ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि बिल में किए गए प्रावधान के तहत महिला के पति का जेल जाना तय होगा और ऐसे में इसका असर पीड़ित महिला को मिलने वाले मुआवजे पर पड़ सकता है। साथ ही दोनों के बीच सुलह की कोशिशों को भी इससे झटका लग सकता है।

कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की छवि को लेकर काफी सचेत हैं। वह नहीं चाहते कि कांग्रेस तीन तलाक बिल की राह में रोड़े के रूप में नजर आए। राहुल को इस बात का अहसास है कि उनके पिता राजीव गांधी के शासनकाल में हुए शाह बानो प्रकरण ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया था।

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