राममंदिर: 161 फीट ऊंचा होगा मंदिर और पांच गुंबद भी होंगे, ट्रस्ट ने शिलान्यास के लिए पीएमओ को 3 और 5 अगस्त की तारीख भेजी

राममंदिर: 161 फीट ऊंचा होगा मंदिर और पांच गुंबद भी होंगे, ट्रस्ट ने शिलान्यास के लिए पीएमओ को 3 और 5 अगस्त की तारीख भेजी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-18 13:44 GMT
राममंदिर: 161 फीट ऊंचा होगा मंदिर और पांच गुंबद भी होंगे, ट्रस्ट ने शिलान्यास के लिए पीएमओ को 3 और 5 अगस्त की तारीख भेजी
हाईलाइट
  • अयोध्या में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक
  • मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा मौजूद

डिजिटल डेस्क, अयोध्या। राम मंदिर निर्माण के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक शनिवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुई। बैठक में चर्चा के बाद ट्रस्ट ने मंदिर के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को 3 ओर 5 अगस्त की तारीख भेजी है। शिलान्यास की तारीख पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय करेगा। वहीं बैठक में राम मंदिर का नक्शा बदलने का निर्णय लिया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रीरामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें पांच गुंबद होंगे। 

ये बैठक अयोध्या सर्किट हाउस में दोपहर तीन बजे शुरू हुई। करीब ढाई घंटे तक ट्रस्ट की बैठक चली। इसमें राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ ट्रस्ट के 12 सदस्य मौजूद थे, जबकि तीन सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर थे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सर्किट हाउस से बाहर निकलकर बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। 

बदलेगा मंदिर का नक्शा, तीन से साढ़े तीन साल में बन जाएगा मंदिर
महासचिव ने बताया कि मंदिर के नक्शे में भी बदलाव किया जाएगा। अब मंदिर में 3 की जगह 5 गुम्बद होंगे। मंदिर की ऊंचाई भी प्रस्तावित नक्शे से अब ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य हो जाने के बाद फंड एकत्र किया जाएगा। समाज के 10 करोड़ परिवारों से धनसंग्रह करने की चर्चा आज निकली है, इनसे सम्पर्क किया जाएगा। जब धनसंग्रह और बाकी की ड्राइंग पूरी हो जाएंगी, उसके बाद 3 से 3.5 साल में मंदिर के निर्माण का काम पूरा कर दिया जाएगा।

नींव के लिए 60 मीटर नीचे से लिए जाएंगे मिट्टी के सैंपल
राय ने बताया कि मिट्टी की ताकत कितनी है, इसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। उसके बाद यह निर्णय होगा कि नींव कितनी रखी जाएगी। 60 मीटर नीचे से मिट्टी के सैंपल लिए जाएंगे। इसके लिए लार्सेन एंड ट्यूब्रो कंपनी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट मत है कि समाज जितना धन देगा उतना धन मंदिर निर्माण में खर्च होगा, आज हम गणित नहीं लगा सकते कितना धन खर्च होगा। धार्मिक कार्यों में ऐसा करना भी नहीं चाहिए, भगवान के काम में पैसे की कमी नहीं आएगी।

नृपेंद्र मिश्र का अयोध्या दौरा
प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व प्रधान सचिव और मंदिर ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को अयोध्या का दौरा किया था। उनके साथ बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सुरक्षा सलाहकार के के शर्मा भी थे। गुरुवार को ही मिश्र ने सर्किट हाउस में ट्रस्ट के सदस्यों के साथ करीब दो घंटे तक बैठक की। उन्होंने कहा कि मंदिर के डिजाइन और मॉडल पर एकमत होना इसलिए भी जरूरी है ताकि इंजिनयर इसे फाइनल रूप दे सकें।

 

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