रामजस कॉलेज मामले पर कोर्ट ने पूछा- यूं ही किसी को देशद्रोही साबित कैसे करेंगे आप ?

रामजस कॉलेज मामले पर कोर्ट ने पूछा- यूं ही किसी को देशद्रोही साबित कैसे करेंगे आप ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-29 15:16 GMT
रामजस कॉलेज मामले पर कोर्ट ने पूछा- यूं ही किसी को देशद्रोही साबित कैसे करेंगे आप ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अप्रमाणीकृत और अविश्वसनीय वीडियो फुटेज के आधार पर किसी को देशद्रोही नहीं ठहराया जा सकता। दिल्ली की एक कोर्ट ने मंगलवार को यह बात तब कही, जब उसे यहां के रामजस कॉलेज में देशद्रोही नारे लगाते हुए वीडियो फुटेज दिखाए गए।

इस मामले में दायर एक याचिका में नारेबाजी करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की गई थी। घटना इस साल 21 फरवरी की है, जब ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के दो गुटों के बीच आपस में भिड़ंत हो गई थी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि इस वीडियो की प्रमाणिकता पुलिस को तय करनी है। जो कि प्रमाणीकृत नहीं हुई है। 

कोर्ट ने शिकायतकर्ता विवेक गर्ग से पूछा, ‘इस वीडियो का स्रोत क्या है ? ऐसे गैरभरोसेमंद सामग्री के आधार पर आप किसी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग कैसे कर सकते हैं?’ इसके बाद कोर्ट ने यह भी कहा कि कल को अगर AISA और ABVP के छात्रों के बीच फिर भिड़ंत हो जाए तो क्या आप उसे देशद्रोह मानेंगे ? कोर्ट का कहना था कि व्हाट्सएप पर ऐसी कई छेड़छाड़ की हुई वीडियो फुटेज चलती रहती हैं। इनकी सत्यता परखी जानी चाहिए। शिकायतकर्ता गर्ग ने आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह, आपराधिक षड़यंत्र, देश के खिलाफ जंग छेड़ने और आईपीसी की धाराओं के तहत मानहानि का मुकदमा दायर करने की मांग की थी।

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