फायर फाइटर्स उपकरणों की कमी दूर करना जरूरी : मारवाह

फायर फाइटर्स उपकरणों की कमी दूर करना जरूरी : मारवाह

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-26 11:25 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एसएफएसी की 39वीं बैठक का आयोजन नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, राजनगर कैम्पस में हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन (सेवानिवृत्त) लेफ्टिनेंट एन. सी. मारवाह, पीवीएसएम, एवीएसएम, सदस्य, एनडीएमए, नई दिल्ली ने किया। एसएफएसी की स्थापना 1956 में हुई थी।  उद्घाटन संबोधन में मारवाह ने सभी बहादुर फायर फाइटर्स की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि  ये फायर फाइटर्स उपकरणों की कमी होने के बावजूद अपने जीवन को खतरे में डालते हैं। उन्होंने राज्य सरकारों के साथ बातचीत करने की बात करते हुए लोकल रिस्पांस सिस्टम को मजबूत करने की बात कही।

फायर सर्विसेज के लिए होंगे बेहतर प्रयास 
मारवाह ने कहा क फायर फाइटर्स के जोखिम को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा अग्नि स्टेशन बनाने और बेहतर, प्रशिक्षित कर्मचारियों के लिए प्रयास कर रहे हैं। पूर्ण तकनीकी सहायता के माध्यम से फायर सर्विसेज में बेहतरी के प्रयास करेंगे, ताकि  रिस्क फैक्टर को कम किया जा सके। उन्होंने प्रतिनिधियों से भी विचार-विमर्श कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध किया, जिससे आवश्यक सिफारिशों को प्राथमिकता दी जा सके।

बैठक में रजनी सिब्बल, आईएएस, अतिरिक्त सचिव, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली भी थीं। इस मौके पर प्रकाश मिश्रा, आईपीएस (सेवानिवृत्त) महानिदेशक एफएस, सीडी और एचजी नई दिल्ली की प्रमुख उपस्थिति थी। उन्होंने पिछली नीतियों की समीक्षा करने और पेशेवर और कुशल अग्नि सेवा का विकास करने के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पर्याप्त उपायों की आवश्यकता की व्याख्या की।

प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा 
रजनी सिब्बल ने बहुमूल्य जिंदगी बचाने में अग्नि सेवाओं द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बैठक के सुझावों व सिफारिशों का अध्ययन करने और उन सभी प्रस्तावों का समर्थन करने का वादा किया। डी. के. शमी, फायर एडवाइजर, एमएचए, नई दिल्ली शुक्रवार को बैठक की कार्रवाई का संचालन करेंगे। बैठक में रविनेश कुमार, वित्तीय सलाहकार, एनडीएमए भी उपस्थित होंगे और बैठक के विचार-विमर्श में भाग लेंगे। इस मौके पर रिवाइज्ड नेशनल बिल्डिंग कोड का प्रेजेन्टेशन भी किया जाएगा। इस कोड को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्स ने बनाया है।  बैठक में प्रमुख रूप से जी. एस. सैनी, वीएसएम, निदेशक, एनएफएससी (अतिरिक्त प्रभार) शामिल थे। 

जागरूकता जरूरी है 
मारवाह ने कहा कि लोगों को फायर सर्विसेज के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। इसके लिए वालेंटियर्स तैयार किए जाएंगे, जिसके लिए  इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसमें एनएसएस, एनसीसी के कैडैट को भी जोड़ा जा सकता है। स्थानीय फायर स्टेशन में वालेंटियर्स को डिस्ट्रक्ट लेवल पर ट्रेंनिंग दी जाएगी। सिविल डिफेंस के लिए सोशल मीडिया का यूज किया जा सकता है। फायर रोबोट का उपयोग भी किया जा सकता है। कई राज्यों में इसके लिए एप तैयार किए गए हैं। यह हर राज्य में होना चाहिए।

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