आरजीएफ के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं : कांग्रेस

आरजीएफ के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं : कांग्रेस

IANS News
Update: 2020-07-08 14:00 GMT
आरजीएफ के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं : कांग्रेस
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नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। गांधी परिवार के राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा कानूनी प्रावधानों के कथित उल्लंघन की जांच के लिए केंद्र द्वारा एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित करने के बाद कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि आरजीएफ के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, आप कोई भी तंत्र और यंत्र अपना लीजिए, राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) के पास कुछ छुपाने को नहीं है।

उन्होंने कहा कि आरजीएफ के पास डरने की कोई बात नहीं है और हम यहां कानून का पालन करने वाले व्यक्तियों के रूप में हैं।

अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि यहां दो तरह का कानून है। सरकार को जो पूछना है, वह पूछ सकती है, लेकिन विवेकानंद फाउंडेशन, इंडिया फाउंडेशन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के प्रवासी मित्रों को भी काफी पैसा मिला है, ऐसे में इन पर नजर क्यों नहीं पड़ती है।

सिंघवी ने कहा कि आरजीएफ को दबाया नहीं जा सकता, वह एनजीओ के रूप में अपना काम जारी रखेगा और वह ट्रक भरकर कागजात सौंपने के लिए तैयार है।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को ट्वीट किया कि गृह मंत्रालय की गठित समिति धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), आयकर अधिनियम और विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) जैसे प्रावधानों के इन फाउंडेशनों द्वारा किए गए कथित उल्लंघन की जांच में समन्वय करेगी।

अधिकारी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय का एक विशेष निदेशक समिति का प्रमुख होगा।

राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 21 जून 1991 को हुई थी। यह फाउंडेशन कई मुद्दों पर काम करता है, जिसमें साक्षरता, स्वास्थ्य, दिव्यांगता, वंचितों के सशक्तीकरण, आजीविका और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन शामिल हैं। इसके वर्तमान फोकस क्षेत्र शिक्षा, दिव्यांगता और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन हैं।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजीव गांधी फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम बोर्ड के सदस्य हैं।

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