DRDO: देश में बनी पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परिक्षण, यह लक्ष्य को आवाज की रफ्तार से दोगुना तेजी से निशाना बना सकती है

DRDO: देश में बनी पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परिक्षण, यह लक्ष्य को आवाज की रफ्तार से दोगुना तेजी से निशाना बना सकती है

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-09 20:23 GMT
DRDO: देश में बनी पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परिक्षण, यह लक्ष्य को आवाज की रफ्तार से दोगुना तेजी से निशाना बना सकती है
हाईलाइट
  • यह रेडियो फ्रीक्वेंसी छोड़ने या रिसीव करने वाले किसी भी टारगेट को निशाना बना सकती है
  • स्वदेशी पहली मिसाइल
  • जो किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को नष्ट कर सकती है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख में एलएसी पर चीन से चल रहे तनाव के बीच भारत ने एक नई मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह देश में बनी पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल "रूद्रम-1" है जो दुश्मन के रडार सिस्टम, कम्युनिकेशन सिस्टम और रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सिस्टम को तबाह कर सकती है। इस मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने इंडियन एयरफोर्स के लिए तैयार किया है। यह आधुनिक तकनीकों से लैस है। दुश्मन के रडार और सर्विलांस सिस्टम को चकमा दे सकती है। यह टारगेट को आवाज की रफ्तार से दोगुना तेजी से निशाना बना सकती है। 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार को पूर्वी तट से सुखोई-30 लड़ाकू विमान से एंटी-रेडिएशन मिसाइल "रुद्रम" का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। भारत ने शुक्रवार को पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-1 का सफल टेस्ट किया। इसे ओडिशा के बालासोर स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से सुबह 10.30 बजे सुखोई-30 फाइटर जेट के जरिए छोड़ा गया।

रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इस रूद्रम मिसाइल में आईएनएस-जीपीएस‌ सिस्टम लगा है और इसकी अलग अलग रेंज है (100-200 किलोमीटर तक)। साथ ही पैसिव होमिंग हेड होने के चलते ये मिसाइल अलग अलग फ्रीक्वेंसी को डिटेक्ट कर अपने टारगेट को निशाना बनाती है। DRDO के मुताबिक, शुक्रवार को रूद्रम का सुखोई से सफल परीक्षण किया गया और इसका रेडिएशन टारगेट पर पिन-पॉइन्ट निशाना लगा। ये टारगेट व्हीलर द्वीप के करीब समंदर में था।

खासियत:

  • यह ऐसी स्वदेशी पहली मिसाइल है, जो किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है। साथ ही मिसाइलें नष्ट कर सकती है।
  • यह रेडियो फ्रीक्वेंसी छोड़ने या रिसीव करने वाले किसी भी टारगेट को निशाना बना सकती है।
  • लॉन्‍च स्‍पीड 0.6 से 2 मैक यानी 2469.6 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्‍यादा है।
  • इसकी रेंज इस बात पर निर्भर करती है कि फाइटर जेट कितनी ऊंचाई पर है। इसे 500 मीटर से लेकर 15 किलोमीटर की ऊंचाई से लॉन्‍च किया जा सकता है। इस दौरान यह मिसाइल 250 किलोमीटर के दायरे में मौजूद हर टारगेट को निशाना बना सकती है।
  • अगर दुश्‍मन ने रडार सिस्‍टम को शटडाउन कर दिया है, तो भी रुद्रम उसे निशाना बनाएगी।
  • सीड ऑपरेशंस यानी Suppression of Enemy Air Defence को अंजाम दे सकती है। इस ऑपरेशन के तहत दुश्‍मन के एयर डिफेंस सिस्‍टम को पूरी तरह से नष्‍ट कर दिया जाता है।

DRDO लगातार स्वदेशी मिसाइलों का सफल परीक्षण कर रही
आपको बता दें कि जब से चीन से LAC पर टकराव शुरू हुआ है तब से DRDO लगातार स्वदेशी मिसाइलों का सफल परीक्षण कर रही है। पिछले पांच महीनों में DRDO ने ब्रह्मोस की एक्सटेंडेड रेंज सुपसोनिक क्रूज मिसाइल (400 किलोमीटर), परमाणु बम ले जाने वाली हाइपर सोनिक "शौर्य" बैलेस्टिक मिसाइल (रेंज 750-1000 किलोमीटर), लेजर गाईडेड एंटी टैंक मिसाइल, सुपरसोनिक मिसाइल अस्सिटेड रिलीज टॉरपीडो ("स्मार्ट") और एचएसटीडीवी (हाइप‌रसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल) का सफल परीक्षण किया है।

रक्षा मंत्री ने बधाई दी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया- न्यू जेनरेशन एंटी रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम-1) का आज बालासोर के आईटीआर से सफल परीक्षण किया गया। डीआरडीओ और इसे तैयार करने में लगे दूसरे भागीदारों को इस अहम उपलब्धि के लिए बधाई।

 

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