केरल: सबरीमाला के मुद्दे को भुनाकर हिंदू वोट बैंक पर बीजेपी की नजर ?

केरल: सबरीमाला के मुद्दे को भुनाकर हिंदू वोट बैंक पर बीजेपी की नजर ?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-17 03:41 GMT
केरल: सबरीमाला के मुद्दे को भुनाकर हिंदू वोट बैंक पर बीजेपी की नजर ?
हाईलाइट
  • दक्षिण भारत में अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में भाजपा
  • महिलाओं को एंट्री की अनुमति से केरल में मचा संग्राम
  • सरकार से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की मांग कर रही बीजेपी

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को एंट्री की अनुमति से राज्य में संग्राम मचा हुआ है। अयप्पा के भक्तों के साथ ही हिंदूवादी संगठन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिन्हें राजनैतिक रूप से भारतीय जनता पार्टी का साथ मिल रहा है। भाजपा के इस फैसले को दक्षिण भारत में अपना आधार मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। केरल के साथ ही पूरे दक्षिण भारत में अयप्पा के भक्त होने के कारण भाजपा 2019 चुनाव से पहले हिंदू वोट बैंक को अपनी तरफ करना चाहती है। 

बुधवार को सबरीमाला के कपाट 5 दिन की विशेष पूजा के लिए खुल रहे हैं। एक तरफ केरल की वामपंथी सरकार महिला संगठनों को प्रवेश दिलाने की तैयारी में जुटी हुई है तो दूसरी तरफ भाजपा सहित कई दक्षिणपंथी संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। भाजपा सरकार से डिमांड कर रही है कि वो मंदिर पर हुए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे। इसके लिए दक्षिणपंथी पार्टियां सरकार पर दवाब बनाने की कोशिश भी कर रही हैं। सोमवार को कई संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया था।

 

लेफ्ट पार्टियों के कब्जे में हिंदू वोट बैंक
केरल में हिंदू वोट बैंक को वामपंथी पार्टियों का आधार माना जाता है। राज्य की मुस्लिम और ईसाई आबादी पर कांग्रेस का वर्चस्व है। भाजपा यहां अपने लिए जगह बनाने में अब तक कामयाब नहीं हो पाई है। 2014 के चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद यहां भाजपा खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। उस समय 6.4 फीसदी से बढ़कर भाजपा का वोट बैंक यहां 10.33 फीसदी हो गया था। राज्य में एनडीए का कुल वोट बैंक 15 फीसदी था। केरल में 52  प्रतिशत हिंदू, 27 फीसदी मुस्लिम और 18 फीसदी ईसाई आबादी है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के बीच यहां कड़ा मुकाबला होता है।

 

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