गौरक्षकों की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- दोषियों पर हो कार्रवाई, पीड़ितों को मिले मुआवजा

गौरक्षकों की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- दोषियों पर हो कार्रवाई, पीड़ितों को मिले मुआवजा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-22 08:04 GMT
गौरक्षकों की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- दोषियों पर हो कार्रवाई, पीड़ितों को मिले मुआवजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गोरक्षकों की हिंसा के मामलों से जुड़ी एक याचिका पर अहम सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि जो लोग गोरक्षा के नाम पर हिंसा करते हैं या उस हिंसा में शामिल होते हैं। उनको कानून के शिकंजे में लाया जाना चाहिए। पहलू खान की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की भी जरूरत है। सभी राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे गोरक्षा के नाम पर हुई हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा दें।

कोर्ट ने राज्य सरकारों से गौरक्षकों से निपटने के प्रभावी रोकथाम के उपायों और नेशनल हाई वे पर सुरक्षा के इंतजामों के बारे में भी बताने को कहा है, जहां गौरक्षकों ने अक्सर पशुओं को ले जा रही गाड़ियां रोककर लोगों के साथ मारपीट की है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी राज्य सरकारें 13 अक्टूबर तक हर एक जिले में एक सीनियर पुलिस अफसर की तैनाती करे, जो गौ हत्या के नाम पर होने वाली हिंसा की रोकथाम के लिए काम करे और उससे जुड़े सभी मामलों की देखरेख करे।

गुजरात, राजस्थान, झारखंड, कर्नाटक और यूपी ने गौरक्षा के नाम पर हुई हिंस में अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है। अन्य राज्यों से भी जल्द से जल्द रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। बता दें कि इस साल अप्रैल में कथित गोरक्षकों ने पहलू खान की पीटकर हत्या कर दी थी। पहलू अपने बेटों के साथ मवेशियों को हरियाणा के नूह से राजस्थान के जयपुर ले जा रहे थे।

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