कमलनाथ बन सकते हैं MP कांग्रेस के अध्यक्ष, राहुल गांधी की हरी झंडी

कमलनाथ बन सकते हैं MP कांग्रेस के अध्यक्ष, राहुल गांधी की हरी झंडी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-23 06:28 GMT
कमलनाथ बन सकते हैं MP कांग्रेस के अध्यक्ष, राहुल गांधी की हरी झंडी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर सियासी गर्माहट महसूस होने लगी है। बीजेपी को एमपी में सत्ता में रहते 15 वर्ष हो गए हैं और वह आगे यह सिलसिला जारी रखना चाहती है। वहीं कांग्रेस भी इसी कोशिश में है कि इस बार सत्ता में कैसे वापसी की जाए। हाल ही में बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर राकेश सिंह को नियुक्त किया था। जिसके बाद अब कांग्रेस ने भी संकेत दिए हैं कि महासचिव और सांसद कमलनाथ को सूबे में कांग्रेस की कमान सौंप दी जाए। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने कमलनाथ को नई जिम्मेदारी के लिए चुन लिया है। बहुत जल्द उन्हें प्रदेश में संगठन की बागडोर दी जा सकती है। ऐसे में बस आलाकमान की तरफ से ऐलान का इंतजार ही बाकी है।

 

किंगमेकर की छवि रही है कमलनाथ की

मध्य प्रदेश की सियासत में कमलनाथ का कद किसी से छिपा नहीं है। 9 बार सांसद बनकर भले ही वो केंद्र की सियासत में मसरूफ रहे हों, लेकिन प्रदेश की राजनीति में उनका भरपूर दखल रहा है। महाकौशल में गहरी पैठ रखने वाले कमलनाथ की टीम पूरे प्रदेश में सक्रिय है। अगर नाथ ये जिम्मेदारी संभालते हैं तो कांग्रेस के सत्ता के सूखे को खत्म कर सकते हैं। 1993 से 2003 तक जब दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री रहे तब भी कमलनाथ को प्रदेश में भरपूर सम्मान मिला।

 

 

किस भूमिका में दिखेंगे सिंधिया ?

वैसे दिलचस्प बात ये है कि अगर कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष होंगे तो फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया की क्या भूमिका होगी। कांग्रेस में एक बड़ा वर्ग मानता है कि सिंधिया की छवि और कौशल ही कांग्रेस का कमबैक करवा सकता है। क्या कमलनाथ को संगठन का भार सौंपकर हाईकमान सिंधिया को सीएम उम्मीदवार प्रोजेक्ट करेगा ? हालांकि बीजेपी ने चुनाव कैंपेन शुरू कर दिया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान चुनावी समर में पूरे दमखम से उतर गए हैं। सिंधिया के नाम पर लड़ाई "महाराज बनाम शिवराज" करने की बीजेपी पूरी कोशिश करेगी, हो सकता है इससे बचने के लिए पार्टी अनुभवी चेहरे को आगे बढ़ा रही है।

 

 

सीएम के लिए कमलनाथ ने सिंधिया का नाम सुझाया

बता दें कि कमलनाथ के पास इस समय हरियाणा और पंजाब का प्रभार है। कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता कमलनाथ के नाम की घोषणा हो सकती है। वहीं सीएम के चेहरे के लिए सांसद कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आगे किया है। प्रदेश में कमलनाथ की बढ़ी सक्रियता के बाद अब कांग्रेस संगठन में बदलाव की तस्वीर भी अब साफ होने लगी है।

 

गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं नाथ

कमल नाथ का जन्म 18 नवम्बर 1946 को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर में हुआ था। देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई करने के बाद श्री कमलनाथ ने कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की। वो 34 साल की उम्र में वो छिंदवाड़ा से जीत कर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। कमलनाथ संजय गांधी के खास दोस्त भी थे। उनकी गांधी परिवार से काफी नजदीकियां हैं। खास बात यह है कि उन पर आज तक कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है। हालांकि हवाला केस में नाम आने के कारण मई 1996 के आम चुनाव में कमलनाथ चुनाव नहीं लड़ पाए थे। एक साल बाद उन्होंने फिर से चुनाव लड़ा और भाजपा के सुंदरलाल पटवा से हार गए। कमलनाथ 1984 के सिख विरोधी दंगों में कथित भूमिका संबंधी विवाद को लेकर भी विवादों में आए थे। 

 

छिंदवाड़ा से शुरू हुआ था सफर

1980 में छिंदवाड़ा की जनता ने कमलनाथ को 7वीं लोकसभा में भेजा। मूल रूप से छिंदवाड़ा एक आदिवासी इलाका माना जाता है। कमलनाथ ने यहां लोगों को रोजगार दिया और आदिवासियों के उत्थान के लिए कई काम किए। कांग्रेस के कार्यकाल में वे उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, वन और पर्यावरण मंत्रालय, सड़क और परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्हें 2012 में संसदीय कार्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया। कमलनाथ अकेले ऐसे नेता हैं जिनका विरोधी राजनीतिक दल भी सम्मान करते हैं। 

 

 
इसलिए भी जाने जाते हैं कमलनाथ

कमलनाथ बिजनेस टायकून भी माने जाते हैं। उनके पास कुल 23 दिग्गज कंपनियां हैं। जिन्हें वे अपने दोनों बेटों के साथ संचालित करते हैं। कमलनाथ को 2006 में जबलपुर के रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया था। 2007 में एक प्रतिष्ठित मैगज़ीन और फाइनेंशियल टाइम्स बिजनेस ने उन्हें पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर से पुरस्कृत किया। साल 2012 में एशियन बिजनेस लीडरशिप फ़ोरम अवॉर्ड, और स्टेटसमैन अवॉर्ड दिया गया। 2008 में उन्हें इकोनॉमिक टाइम्स ने बिजनेस रिफॉर्मर ऑफ द ईयर के सम्मान से नवाजा था। कमलनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नॉलॉजी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष भी हैं। 

तनखा संभाल सकते हैं समन्वय का जिम्मा

बता दें कि प्रदेश के अन्य नेताओं में तालमेल बैठाने की जिम्मेदारी कांग्रेस विधि विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तनखा को दी जा सकती है। कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में मध्य प्रदेश को लेकर हाईकमान की बैठक हुई थी। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी।  

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