सीरम ने महंगी की वैक्सीन : निजी अस्पतालों को 600 रुपये में मिलेगी कोविशील्ड, राज्य सरकारों के लिए 400 की एक डोज

सीरम ने महंगी की वैक्सीन : निजी अस्पतालों को 600 रुपये में मिलेगी कोविशील्ड, राज्य सरकारों के लिए 400 की एक डोज

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-21 08:07 GMT
सीरम ने महंगी की वैक्सीन : निजी अस्पतालों को 600 रुपये में मिलेगी कोविशील्ड, राज्य सरकारों के लिए 400 की एक डोज
हाईलाइट
  • प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपये प्रति डोज
  • राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति डोज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बढ़के कोरोना संकट के बीच कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से एक बुरी खबर आई है। इंस्टिट्यूट ने बुधवार को राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोवीशील्ड वैक्सीन के नए रेट की लिस्ट जारी की है। इसके तहत अब प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपये प्रति डोज और राज्य सरकारों को 400 रुपए प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन दी जाएगी।

वहीं केंद्र को पहले की ही तरह ये वैक्सीन 150 रुपए में मिलती रहेगी। सीरम ने कहा कि अगले दो महीने में वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा। अभी जिनती वैक्सीन प्रोड्यूस होती हैं, उसमें 50% वैक्सीन केंद्र के वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए भेजी जाती हैं। बची हुई 50% वैक्सीन राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों को भेजी जाती है।

बता दें कि अभी तक भारत सरकार को सीरम इंस्टीट्यूट से 200 रुपए प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन मिल रही थी। केंद्र सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में ये वैक्सीन मुफ्त दी जा रही थी, जबकि प्राइवेट सेंटर्स पर 250 रुपए प्रति डोज के हिसाब से दाम तय किया गया था।

1 मई से 18 साल से ज्यादा के सभी उम्र के लोगों को लगेगी वैक्सीन
भारत सरकार ने 1 मई से जो नई वैक्सीनेशन चरण का ऐलान किया है, उसके मुताबिक अब 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को वैक्सीन लग पाएगी। सरकार के मुताबिक, 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को जिस तरह से वैक्सीन लगाई जा रही है वो जारी रहेगी। यानी सरकारी सेंटर्स में इनके लिए वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध रहेगी।

सीरम इंस्टीट्यूट का दावा है कि उनकी वैक्सीन विदेशी वैक्सीन के मुकाबले काफी सस्ती है। SII के अनुसार... 

अमेरिकी वैक्सीन - 1500 रुपये प्रति डोज
रूसी वैक्सीन - 750 रुपये प्रति डोज
चीनी वैक्सीन - 750 रुपये प्रति डोज

सीरम इंस्टीट्यूट ने अपने बयान में कहा है कि अगले दो महीने के लिए वह बड़े स्तर पर केंद्र और राज्य सरकारों को वैक्सीन उपलब्ध कराएगा। 4-5 महीने के बाद वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ने के साथ ही रिटेल बाजार के लिए इसे खोल दिया जाएगा।

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