एसएफजे ने दिल्ली में रेफरेंडम 2020 के लिए कनाडाई पोर्टल चुना

एसएफजे ने दिल्ली में रेफरेंडम 2020 के लिए कनाडाई पोर्टल चुना

IANS News
Update: 2020-07-19 15:00 GMT
एसएफजे ने दिल्ली में रेफरेंडम 2020 के लिए कनाडाई पोर्टल चुना
हाईलाइट
  • एसएफजे ने दिल्ली में रेफरेंडम 2020 के लिए कनाडाई पोर्टल चुना

नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। प्रतिबंधित संगठन, सिख फॉर जस्टिस(एसएफजे) ने कुछ दिनों पहले अपने भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए एक रूसी पोर्टल का इस्तेमाल खालिस्तान किया था, जिसे भारत ने ब्लॉक कर दिया था। अब उसने खालिस्तान की मांग के लिए रेफरेंडम 2020 के तहत मतों के पंजीकरण के लिए रविवार को एक कनाडाई पोर्टल लांच किया है।

एजेंसियों ने इस बाबत एक सुरक्षा अलर्ट जारी किया, क्योंकि इस बार समूह ने रेफरेंडम 2020 के पंजीकरण के लिए पंजाब के स्थान पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को चुना है।

समूह ने यह कदम इस संबंध में एक रूसी वेबसाइट को चार जुलाई को प्रतिबंधित करने के निर्णय के बाद उठाया, जिसके जरिए वह पंजाब में इस बाबत मत पंजीकृत करवाना चाहता था। एसएफजे ने दरबार साहिब में 1955 में हुए हमले में सिखों के मारे जाने की याद में जोर-शोर से रेफरेंडम 2020 के लिए ऑनलाइन मत पंजीकरण को लांच किया।

गृह मंत्रालय ने बीते वर्ष जुलाई में खालिस्तान की मांग के लिए ऑनलाइन अभियान रेफरेंडम 2020 के लिए एसएफजे को प्रतिबंधित कर दिया था।

सूचना का हवाला देते हुए, खुफिया विभाग में मौजूद सूत्रों ने कहा कि एसएफजे ने दिल्ली में रेफरेंडम 2020 के लिए मत पंजीकृत करवाने कनाडा से एक कनाडाई पोर्टल दिल्ली बनाएगा खालिस्तान डॉट इन लांच किया, जिस वजह से संबंधित विभाग को महीने के अंदर ही इस तरह की दूसरी हरकत के लिए चौकन्ना होना पड़ा।

आंतरिक सुरक्षा से संबंधित विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली नवंबर 1984 सिख विरोधी दंगे का मुख्य केंद्र था, इसलिए एसएफजे ने अपने मत पंजीकरण एजेंडे के लिए दिल्ली को चुना।

पोर्टल के होम पेज में कनाडाई झंडा लहरा रहा है। पोर्टल में मतदान पंजीकरण के लिए अंग्रेजी और पंजाबी में जानकारी दी हुई है।

अमेरिका स्थित प्रतिबंधित आतंकी गुरपटवंत सिंह पन्नू ने दिल्ली में मत पंजीकरण की घोषणा की, जिससे दिल्ली पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में आ गई हैं।

कनाडा में एसएफजे के रेफरेंडम 2020 के समन्वयक हरदीप सिंह निज्जर ने पोर्टल को लांच करने में बड़ी भूमिका निभाई है।

केंद्र सरकार ने पंजाब में आतंकवाद को फिर से उभारने और खालिस्तानी गतिविधि में संलिप्त होने के लिए गैरकानूनी गतिविधि(रोकथाम) अधिनियम के तहत दोनों को एक जुलाई, 2020 को आतंकवादी घोषित कर दिया था।

Tags:    

Similar News