पंचतत्व में विलीन शीला दीक्षित, नम आंखों से लोगों ने दी विदाई

पंचतत्व में विलीन शीला दीक्षित, नम आंखों से लोगों ने दी विदाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-21 05:29 GMT
पंचतत्व में विलीन शीला दीक्षित, नम आंखों से लोगों ने दी विदाई
हाईलाइट
  • 20 जुलाई 2019 को दिल्ली में शीला दीक्षित का निधन हो गया
  • शीला 1998 से 2013 के बीच 15 वर्षों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं
  • शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पीएम मोदी, राहुल गांधी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह समेत कई बड़े नेता और मंत्री मौजूद रहे। भारी बारिश के बावजूद लोग शीला दीक्षित को नम आंखों से अंतिम विदाई देने के लिए मौजूद रहे। बता दें कि 81 वर्षीय शीला दीक्षित लंबे समय से बीमार चल रही थीं। शीला जी के निधन पर दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा भी की गई है।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली, कपिल सिब्बल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी।

कांग्रेस मुख्यालय में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी। सोनिया गांधी ने कहा, वह मेरे लिए बहुत बड़ा सहारा थीं। वह एक बड़ी बहन और एक दोस्त बन गईं थीं। यह कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी क्षति है। मैं उन्हें हमेशा याद रखूंगी।

शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर उनके निजामुद्दीन स्थित आवास से कांग्रेस मुख्यालय पर अंतिम दर्शन के लिए लाया गया।

उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने दी श्रद्धांजलि।

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी। 

शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की। शीला दीक्षित 1998 से 2013 के बीच 15 वर्षों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को फिर से खड़ा करने के मकसद से उन्हें कुछ महीने पहले ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। शीला दीक्षित पहली बार साल 1984 में उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद चुनी गईं। बाद में वह दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हुईं।

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